Written by :Sanjay kumar
घटना: पहलगाम आतंकी हमला
तिथि: 22 अप्रैल 2025
स्थान: बैसरन घाटी, पहलगाम, जम्मू-कश्मीर




1. हमले का स्वरूप और समय
22 अप्रैल को दोपहर करीब 2:50 बजे, पहलगाम के प्रसिद्ध बैसरन घाटी में 4-6 आतंकी सेना की वर्दी में पहुंचे। उन्होंने खुद को पुलिसकर्मी बताया और पर्यटकों के नाम और धर्म पूछने लगे।
2. हमला सुनियोजित था, धर्म पूछकर चुनकर मारे
- आतंकियों ने हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया।
- प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कलमा पढ़ने के लिए कहा गया और जो ऐसा नहीं कर सके, उन्हें गोली मार दी गई।
- एक महिला ने बताया कि आतंकियों ने कहा, “तुमने मोदी को सिर पर चढ़ा रखा है, अब भुगतो।”
3. प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही
- पुणे की एक महिला, जो हमले में बच गईं, ने कहा:
“हमसे धर्म पूछा, हमने कहा हम हिंदू हैं, तो गोली मार दी… मुझे जानबूझकर छोड़ दिया गया ताकि मैं दुनिया को बताऊं कि क्या हुआ।” - एक अन्य पर्यटक ने बताया कि हमला 10 मिनट तक चला और आतंकी पेशेवर सैनिकों जैसी चाल-ढाल में थे।
4. मृतक और घायलों की जानकारी
- अब तक 26 मौतें और 17 घायल होने की पुष्टि हुई है।
- सभी मारे गए पर्यटक हिंदू समुदाय से थे और अधिकतर पश्चिम भारत से आए थे।
5. आतंकियों का संगठन और मकसद
- जिम्मेदारी ली: ‘कश्मीर रेजिस्टेंस फ्रंट’, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा बताया जा रहा है।
- मकसद: “कश्मीर की जनसांख्यिकी बदलने” के कथित प्रयासों का विरोध।
6. सरकार की प्रतिक्रिया
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब दौरा बीच में छोड़कर भारत वापसी की घोषणा की।
- गृहमंत्री अमित शाह ने आपात बैठक ली और कहा, “दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा।”
- NSA अजीत डोभाल और RAW प्रमुख भी घाटी पहुंचे हैं।
7. पाकिस्तान का रुख
- पाकिस्तान सरकार ने औपचारिक बयान में कहा कि “कश्मीर की स्थिति भारत का आंतरिक मामला नहीं है।”
- साथ ही, कई आतंकी समर्थक खातों से सोशल मीडिया पर हमले की प्रशंसा की गई, जिससे भारत सरकार ने नाराज़गी जताई है।
8. अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
- संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस, फ्रांस, इजरायल आदि ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई।
- अमेरिका ने इसे “रिलिजियस टारगेटेड टेरर” करार दिया है।
9. पर्यटन पर असर
- हमले के बाद कश्मीर में पर्यटन स्थलों पर भारी रद्दीकरण।
- कई राज्यों ने एडवाइजरी जारी की।
- चार्टर्ड फ्लाइट्स से पर्यटकों की सुरक्षित वापसी की जा रही है।
10. विशेषज्ञों की राय
- यह हमला धारा 370 हटाए जाने के बाद की पहली बड़ी घटना है।
- कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह मेई (चीन) की भारत यात्रा को प्रभावित करने की कोशिश भी हो सकती है।
11. आगे की कार्रवाई
- सेना और CRPF ने ऑपरेशन शेरदिल नाम से जवाबी कार्रवाई शुरू की।
- जम्मू-कश्मीर में अत्यधिक हाई अलर्ट घोषित।
12. स्थानीय लोगों और बचावकर्मियों की भूमिका
- स्थानीय गाइड्स और टट्टूवाले हमले के दौरान कई पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों तक ले गए।
- पहलगाम पुलिस और ITBP के जवानों ने तेजी से मोर्चा संभाला और आतंकियों की घेराबंदी शुरू की।
13. राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
- कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना, टीएमसी सहित विपक्षी दलों ने हमले की निंदा की और सरकार से जवाबदेही मांगी।
- जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने धार्मिक आधार पर हमले की आलोचना करते हुए शांति की अपील की।
14. सोशल मीडिया पर माहौल
- ट्विटर और फेसबुक पर #PahalgamAttack, #HinduTouristsTargeted ट्रेंड कर रहा है।
- कई उपयोगकर्ताओं ने सरकार से ‘कड़ी कार्रवाई’ की मांग की और पीड़ित परिवारों के लिए सहायता जुटाई।
यह एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हो सकता है, जो भारत की आतंकवाद नीति, कश्मीर नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति को फिर से परिभाषित करेगा।