Written by : Sanjay kumar
नई दिल्ली, 15 अप्रैल 2025 – भारतीय शेयर बाजार ने मंगलवार को एक जबरदस्त उछाल के साथ नया इतिहास रच दिया। बीएसई सेंसेक्स 1,750 अंकों की छलांग के साथ 76,907.26 अंक पर खुला, जबकि एनएसई निफ्टी 540 अंकों की बढ़त के साथ 23,368.35 अंक पर पहुंच गया। कारोबार की शुरुआत में ही निवेशकों की दौलत में ₹7.41 लाख करोड़ की बढ़ोतरी हुई। लेकिन विशेषज्ञों ने इस तेजी के पीछे छिपे जोखिमों के प्रति भी आगाह किया है।
तेजी के पीछे प्रमुख कारक:
1. अमेरिकी टैरिफ राहत नीति
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आयात शुल्क में 90 दिनों की राहत देने की घोषणा से वैश्विक बाजारों में सकारात्मक माहौल बना। इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर अनिश्चितता कम हुई, जिसका सीधा असर भारत जैसे उभरते बाजारों पर पड़ा।
2. एफआईआई (विदेशी निवेशकों) की वापसी
लगातार छह दिनों की बिकवाली के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने फिर से भारतीय शेयरों की खरीदारी शुरू की। एनएसई डेटा के अनुसार सोमवार को लगभग ₹3,200 करोड़ की नेट खरीदारी हुई।
3. प्रमुख सेक्टर्स में रैली
- बैंकिंग और वित्तीय शेयर: HDFC बैंक (+3.52%), ICICI बैंक (+3.06%), बजाज फाइनेंस (+3.06%)
- ऑटो और इंफ्रास्ट्रक्चर: टाटा मोटर्स (+2.89%), एलएंडटी, महिंद्रा एंड महिंद्रा
- आईटी कंपनियां: इंफोसिस (+2.11%), टीसीएस (+2.10%), HCL टेक (+2.03%)
- तेजी में अगुआ: सेंसेक्स की 30 में से 29 कंपनियों के शेयर हरे निशान में खुले
निवेशकों को क्या हुआ फायदा?
- बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण ₹4,01,55,574 करोड़ से बढ़कर ₹4,08,96,825 करोड़ हो गया।
- इस बढ़त से निवेशकों को चंद घंटों में ₹7.41 लाख करोड़ की कमाई हुई।
- स्मॉलकैप और मिडकैप निवेशकों के लिए भी यह दिन लाभकारी रहा, क्योंकि निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में क्रमशः 2% और 1.65% की उछाल आई।
लेकिन इन जोखिमों को न करें नजरअंदाज:
1. अस्थायी राहत हो सकती है अमेरिकी नीति
टैरिफ में दी गई राहत सिर्फ 90 दिनों के लिए है। यदि अमेरिका अपनी नीति में फिर बदलाव करता है, तो वैश्विक बाजार में अस्थिरता लौट सकती है।
2. भारतीय मुद्रास्फीति और ब्याज दरें
मार्च की खुदरा मुद्रास्फीति दर 5.2% पर रही, जो आरबीआई के संतोषजनक दायरे में नहीं है। अगर महंगाई दर ऊपर जाती है तो ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका से बाजार पर असर पड़ सकता है।
3. मुनाफावसूली का खतरा
तीव्र तेजी के बाद अक्सर मुनाफावसूली देखने को मिलती है। पिछले अनुभव बताते हैं कि जब सेंसेक्स में एक दिन में 1500+ अंक की उछाल होती है, उसके अगले दो कारोबारी दिनों में बाजार में करेक्शन (गिरावट) हो सकती है।
4. वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव
ईरान-इज़राइल विवाद और तेल की कीमतों में अस्थिरता भी निवेशकों की चिंता का कारण बने हुए हैं। यदि कच्चे तेल की कीमतें 95 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जाती हैं, तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर डालेगा।
विशेषज्ञों की सलाह:
“तेजी में अंधाधुंध निवेश से बचें। इस समय क्वालिटी शेयरों में SIP के माध्यम से निवेश करना समझदारी होगी। जिन शेयरों में हाल ही में 15-20% की तेजी आई है, उनमें मुनाफा बुक करना भी बुद्धिमानी हो सकती है।”
— नागेश शाह, मार्केट एनालिस्ट, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज
आज का दिन निवेशकों के लिए जरूर शुभ रहा, लेकिन बाजार की यह रैली कितनी स्थायी है, इसका जवाब आने वाले हफ्तों में वैश्विक घटनाक्रम, नीतिगत घोषणाएं और घरेलू आंकड़े तय करेंगे। ऐसे में सतर्क निवेश की रणनीति अपनाना ही लाभदायक रहेगा।