Written by : Sanjay kumar
Published : 12 April 2025
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और संत उमेशनाथ महाराज रहे प्रमुख आकर्षण
कोटा। वाल्मीकि समाज के सर्वांगीण विकास और राष्ट्रीय भूमिका पर केंद्रित दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का भव्य आगाज़ शनिवार को कोटा के केडीए ऑडिटोरियम में हुआ। यह अधिवेशन अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और साधारण सभा का प्रमुख आयोजन है, जिसमें देशभर से समाज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
अधिवेशन का शुभारंभ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन कर किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा,
“वाल्मीकि समाज की सेवा और समर्पण वंदनीय है। अब समय है कि समाज शिक्षा, तकनीक और आत्मनिर्भरता के क्षेत्रों में भी नेतृत्व की भूमिका निभाए।”
इस अवसर पर राष्ट्रीय संत बालयोगी उमेशनाथ महाराज ने युवाओं को बाबा साहब अंबेडकर के विचारों को आत्मसात करने का संदेश देते हुए कहा कि समाज के उभरते हुए चेहरे भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष रामगोपाल राजा ने लोकसभा अध्यक्ष का स्वागत करते हुए उन्हें वाल्मीकि रामायण भेंट की और महासभा की चार प्रमुख मांगों का ज्ञापन सौंपा।
देश के 24 राज्यों और 6 महानगरों से आए प्रतिनिधियों की मौजूदगी में आयोजित इस अधिवेशन के पहले दिन मंच पर कई गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे:
- सांसद अनुप वाल्मीकि (हाथरस)
- राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर
- कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा
- राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग उपाध्यक्ष अंजना पंवार
- भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश जैन, एडीएम विनोद मल्होत्रा, नगर पालिका चेयरमैन अखिलेश मेडतवाल सहित अनेक पदाधिकारियों ने भाग लिया।
प्रदेशाध्यक्ष विकास चनाल, राष्ट्रीय महासचिव सीताराम विषनारिया, उपाध्यक्ष ओम प्रकाश खजोतिया, संगठन सचिव शैलेन्द्र महाराजा, सचिव जगदीश डांगी, कैप्टन सुरेश वाल्मीकि, जिलाध्यक्ष दिनेश सरसिया सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने अतिथियों का पारंपरिक रूप से स्वागत किया।
कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय कार्यालय सचिव नरेंद्र राजा ने किया। अधिवेशन के पहले दिन समाज की दशा-दिशा पर विभिन्न सत्रों में विचार-विमर्श हुआ, जिसमें शिक्षा, नेतृत्व और सामाजिक जागरूकता जैसे विषयों पर फोकस रहा।