Written by : Sanjay kumar
नई दिल्ली, 7 अप्रैल 2025:
भारतीय शेयर बाजार में आज एक ऐतिहासिक गिरावट देखी गई, जिसने निवेशकों को हिलाकर रख दिया। बाजार खुलते ही सेंसेक्स और निफ्टी में भारी बिकवाली शुरू हो गई, जिससे शेयर बाजार का माहौल पूरी तरह लाल हो गया।
मुख्य आकर्षण (Key Highlights):
- सेंसेक्स में 3,900 अंकों की गिरावट, 5% की भारी गिरावट दर्ज
- निफ्टी 1,146 अंक गिरकर 21,758 के स्तर पर बंद
- निवेशकों के 19 लाख करोड़ रुपये डूबे, BSE मार्केट कैप 4.03 करोड़ करोड़ से घटकर 3.83 करोड़ करोड़ रुपये हुआ
- सभी 30 सेंसेक्स कंपनियों के शेयर लाल निशान में, रिलायंस और टाटा मोटर्स में सबसे ज्यादा गिरावट
- विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली और वैश्विक अनिश्चितता मुख्य कारण
क्यों गिरी शेयर बाजार की दीवार?
1. अंतरराष्ट्रीय दबाव और डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीति:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन और अन्य देशों पर फिर से टैरिफ लगाने के संकेत से ग्लोबल ट्रेड वॉर की आशंका गहराई है।
2. विदेशी निवेशकों की बिकवाली:
FII (Foreign Institutional Investors) द्वारा भारी निकासी से बाजार में नकदी की कमी आई है।
3. ब्याज दरों की अनिश्चितता:
अमेरिका और भारत दोनों में ही ब्याज दरें बढ़ने की संभावनाओं ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया।
4. अस्थिर तेल कीमतें और रुपये की कमजोरी:
कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और रुपये की गिरावट ने आयातकों और निवेशकों दोनों पर असर डाला।
विशेषज्ञों की राय: निवेशक अब क्या करें?
मॉर्गन स्टैनली: “घबराएं नहीं, अगर आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं तो अच्छी कंपनियों में बने रहें।”
नोमुरा: “अभी निवेश की बजाय रिस्क को मैनेज करें। बाजार में थोड़ा स्थिरता आने दें।”
सीएलएसए: “यह गिरावट मजबूत स्टॉक्स को छूट में खरीदने का अवसर भी है, लेकिन सोच-समझकर कदम उठाएं।”
आगे क्या हो सकता है?
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में अस्थिरता बनी रहेगी। लेकिन भारत की आर्थिक नींव मजबूत है और लंबे समय में बाजार में रिकवरी की पूरी संभावना है। ऐसे में निवेशकों को धैर्य रखने और जल्दबाजी से बचने की सलाह दी जाती है।
डिस्क्लेमर:
यह रिपोर्ट केवल सूचना के उद्देश्य से तैयार की गई है। इसमें दिए गए तथ्यों व आंकड़ों की पुष्टि विश्वसनीय स्रोतों से की गई है, निवेश संबंधी कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य लें। इस लेख का उद्देश्य निवेश प्रोत्साहन नहीं, बल्कि बाजार की स्थिति की जानकारी देना है।