Written by : Sanjay kumar
Published : 4 April 2025
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में वक्फ(संशोधन) विधेयक, 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 के पारित होने पर इसे एक “ऐतिहासिक क्षण” करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव भारत में सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास की दिशा में एक ठोस कदम है।
पीएम मोदी ने कहा, “हम प्रत्येक नागरिक की गरिमा को सर्वोपरि मानते हैं। यही रास्ता है एक मजबूत, अधिक समावेशी भारत की ओर।” उन्होंने यह भी कहा कि यह विधेयक उन लोगों के लिए एक आशा की किरण है जो दशकों से हाशिए पर हैं—खासकर गरीब मुसलमान, पसमांदा समुदाय और मुस्लिम महिलाएं, जिन्हें अब तक ना अवसर मिला, ना आवाज़।
वक्फ सिस्टम में सुधार की आवश्यकता
प्रधानमंत्री ने X (पूर्व में ट्विटर) पर अपने पोस्ट में लिखा, “वक्फ प्रणाली दशकों से पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी का प्रतीक रही है। इसने विशेषकर मुस्लिम समुदाय के गरीब तबके को नुकसान पहुंचाया है। नया कानून इस व्यवस्था में स्पष्टता और ज़वाबदेही लाने का माध्यम बनेगा।”
चर्चा और संवाद से मजबूत लोकतंत्र
मोदी ने संसद के सभी सदस्यों का आभार जताते हुए कहा कि, “इन विधेयकों पर व्यापक चर्चा और संवाद ने फिर साबित कर दिया कि लोकतंत्र की ताकत बहस और सहभागिता में है।” उन्होंने समिति को सुझाव भेजने वाले लोगों का भी विशेष धन्यवाद दिया।
तेरह घंटे से अधिक चली संसद की चर्चा
वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 को राज्यसभा ने देर रात तक चली चर्चा के बाद 128 के मुकाबले 95 मतों से पारित किया। लोकसभा में इसे बुधवार रात करीब दो बजे मंजूरी मिली थी। इस दौरान विपक्ष के कई संशोधनों को खारिज कर दिया गया।
केंद्रीय मंत्री का आंकड़ों के साथ स्पष्टीकरण
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि 2006 में देश में करीब 4.9 लाख वक्फ संपत्तियां थीं, जिनसे कुल आय मात्र 163 करोड़ रुपये थी। 2013 में सुधार के बाद भी यह बढ़कर सिर्फ 166 करोड़ तक पहुंची। जबकि अब भारत में 8.72 लाख से अधिक वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि, “सरकार वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में हस्तक्षेप नहीं करती। यह विधेयक मुतवल्लियों की जवाबदेही, प्रशासन की पारदर्शिता और निगरानी व्यवस्था को मजबूत करेगा।”
आगे की राह
सरकार का दावा है कि ये विधेयक वक्फ संपत्तियों के सदुपयोग, अनियमितता पर नियंत्रण, और गरीबों के हितों की रक्षा में मील का पत्थर साबित होंगे। आने वाले समय में वक्फ प्रबंधन में सुधार से शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण की योजनाओं में भी गति मिलेगी।