Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 31 मार्च। बजरंग नगर स्थित गायत्री विहार में चल रही शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन आचार्य भूपेन्द्र शास्त्री ने कहा कि जिसे भगवान का प्रेम प्राप्त हो वह भाग्यशाली है। भगवान के विषय में जानने के लिए जिज्ञासु हो, वह भाग्यवान है। हम लोग जिस कलयुग में जी रहे हैं इस युग में बड़े-बड़े महात्माओं ने गहरा चिंतन किया है जो भक्ति को धारण करता है वह कलयुग के प्रभाव से बच जाता है।
जीवन में तीन ताप परेशान करें तो भगवान के निकट पहुंच जाएं जिससे हमें तीनों ताप से छुटकारा मिलता है। आचार्य भूपेन्द्र शास्त्री ने कहा कि तब तक कलयुग के पाप परेशान करेंगे जब तक शिवपुराण हमारे जीवन में शामिल ना हो जाए यही शिवपुराण की महिमा है। भगवान शंकर की मंगल राशि है उनका नाम और ध्यान भी मंगलमय है। शिव जैसा समान दृष्टा कौन होगा, महादेव दैत्य एवं देवों के लिए सदा कृपा वंत रहते हैं ।
भगवान शिव काल के ऊपर हैं वह अजर-अमर हैं उनको वृद्धावस्था छूती तक नहीं है। भगवान शिव की महिमा का बखान करते हुए स्वामी जी ने कहा कि भगवान शिव विनोदशील है। वह सदैव प्रसन्न रहते हैं मन स्थिति ऐसी हो कि परिस्थिति कभी प्रभावित नहीं करें। शिव की जीवन शैली में विरोधाभास भी प्रसन्न रहते हैं। कथा आयोजक ठाकुर डी,एस,भाटी (सागर बना )ने बताया कि कथा प्रतिदिन दोपहर एक बजे से शाम 5 बजे तक चल रही है।