राजस्थान में विद्युत निजीकरण के खिलाफ उग्र आंदोलन, 2 अप्रैल को सौंपा जाएगा ज्ञापन

Written by : प्रमुख संवाद

कोटा, 26 मार्च 2025। राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम अभियंता-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर प्रदेशभर के पावर प्लांटों पर बुधवार को एक घंटे का कार्य बहिष्कार कर उग्र विरोध प्रदर्शन किया गया। कोटा थर्मल के अभियंता-कर्मचारियों ने प्रदेश संयोजक राकेश गुप्ता के नेतृत्व में थर्मल गेट से रैली निकालकर थर्मल नाव चौराहे पर सरकार व विद्युत प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।

प्रदेश संयोजक राकेश गुप्ता ने कहा कि सरकार और विद्युत प्रशासन अब तक कर्मचारियों के हितों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा पाए हैं। विद्युत क्षेत्र में निजीकरण की तेज होती प्रक्रिया ने कर्मचारियों के भविष्य को संकट में डाल दिया है। इस विरोध में 2 अप्रैल को सभी पावर प्लांटों में कार्य बहिष्कार कर मुख्यमंत्री व अतिरिक्त मुख्य सचिव (ऊर्जा) के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।

संघर्ष समिति के सह-संयोजक रवि गौत्तम व निशांत शर्मा ने बताया कि 20 दिसंबर 2024 को हुई वार्ता में अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक ने हर निगम के साथ अलग-अलग बैठक करने व कर्मचारियों की सेवाशर्तों को प्रभावित नहीं करने का आश्वासन दिया था। लेकिन तीन माह बीतने के बावजूद प्रशासन ने किसी भी निगम से वार्ता नहीं की, न ही एचआर पॉलिसी पर कोई स्पष्टता दी है।

प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र कश्यप ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार जल्द ही विद्युत निजीकरण की नीति पर पुनर्विचार नहीं करती, तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा। पांचों विद्युत निगमों के अभियंता, अधिकारी व कर्मचारी इस संघर्ष को महाआंदोलन की ओर ले जाने के लिए मजबूर होंगे। औद्योगिक अशांति की संपूर्ण जिम्मेदारी सरकार व विद्युत प्रशासन की होगी।


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