Written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 25 मार्च 2025 – राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम (RVUN) के निजीकरण के खिलाफ अभियंता व कर्मचारी 150 दिनों से लगातार संघर्ष कर रहे हैं। इस विरोध को एक नई दिशा देने के लिए 26 मार्च 2025 को कोटा थर्मल के मुख्य द्वार पर सुबह 9:30 बजे से 10:30 बजे तक विशाल प्रदर्शन किया जाएगा।
संघर्ष जारी, वार्ता नहीं!
संयुक्त संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक राकेश गुप्ता ने बताया कि सरकार की ओर से अभी तक वार्ता का कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया है। अक्टूबर 2024 से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन में कर्मचारियों ने गांधीवादी तरीकों से संघर्ष किया, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों को अनसुना कर दिया है।
संघर्ष समिति के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र कश्यप ने कहा कि सरकार बिना कर्मचारियों की सहमति के संयुक्त उद्यम (JV) के माध्यम से निजीकरण का प्रयास कर रही है, जिससे उनकी नौकरियों, पेंशन और सेवा शर्तों पर संकट मंडरा रहा है। यह सरकारी संपत्तियों को निजी हाथों में सौंपने की साजिश है।
बिजली महापंचायत में भी उठी थी आवाज़
11 मार्च 2025 को छबड़ा में आयोजित बिजली महापंचायत में ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे ने इस निजीकरण को देश व राज्य की प्रगति के लिए घातक बताया। उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर बिजली विभाग को घाटे में दिखाकर निजीकरण को सही ठहराने का प्रयास कर रही है।
26 मार्च को ऐतिहासिक प्रदर्शन
संयुक्त संघर्ष समिति के सोशल मीडिया प्रभारी महेश डगुर ने बताया कि 26 मार्च को कोटा थर्मल पर एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। मुख्य द्वार से थर्मल चौराहे तक रैली निकालकर विरोध दर्ज कराया जाएगा। यह प्रदर्शन सरकार को चेताने का कार्य करेगा कि विद्युत कर्मचारियों का संघर्ष समाप्त नहीं होगा, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।
“हम अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे, क्योंकि यह सिर्फ हमारी नौकरी नहीं, बल्कि जनता के हितों की भी लड़ाई है।” – संघर्ष समिति