Written by: प्रमुख संवाद
बांसवाड़ा 22 मार्च। बांसवाड़ा से कोटा के लिए रवाना हुई ट्रैवल्स की एक स्लिपर कोच बस यात्रियों के लिए किसी दु:स्वप्न से कम नहीं साबित हुई। 22 फरवरी की शाम रवाना हुई यह बस महज 6 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद ही खराब हो गई, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। खराब हुई बस यात्रियों के बताये अनुसार बाबू ट्रेवल्स की थी।
ड्राइवर को पहले से थी खराबी की जानकारी
जानकारी के मुताबिक, बस चालक को पहले से ही बस में तकनीकी खराबी की सूचना थी, जिसे उसने एजेंसी को भी बताया था। इसके बावजूद, बस को यात्रा के लिए रवाना किया गया, जिससे यात्रियों को बीच रास्ते में फंसने की नौबत आ गई।
बस संचालक ने यात्रियों को किया लाचार
बस के खराब होते ही यात्रियों ने वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की, लेकिन बस संचालक ने उन्हें राहत देने के बजाय और मुश्किल में डाल दिया। यात्रियों को चित्तौड़गढ़ तक दूसरी बस में दूसरे यात्रियों के साथ ठूंसकर ले जाने की बात कही गई, जिससे यात्री आक्रोशित हो गए। जब कुछ यात्रियों ने टिकट राशि वापस करने की मांग की, तो बस संचालक ने इसे सिरे से खारिज कर दिया।
स्लिपर कोच के यात्रियों को जबरन सीटों के बीच बैठाया
स्लिपर कोच की सुविधा के लिए पूरी टिकट राशि चुका चुके यात्रियों को जबरदस्ती दूसरी बस में ठूंस दिया गया। जिन यात्रियों ने आरामदायक सफर के लिए स्लिपर टिकट लिया था, उन्हें बस की सीटों के बीच, फर्श और फुटपाथ पर बैठने के लिए मजबूर किया गया। कुल 20 यात्री इस परेशानी से जूझते रहे और उनकी यात्रा बेहद असुविधाजनक रही।
यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा पर सवाल
इस घटना ने निजी बस संचालकों की मनमानी और लापरवाही को उजागर कर दिया है। यात्रियों ने प्रशासन से इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने और बस ऑपरेटरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। यात्रियों का कहना है कि यदि बस खराब थी, तो उसे समय पर दुरुस्त किया जाना चाहिए था या फिर वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए थी, लेकिन बस संचालक की मनमानी के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा।