written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 18 मार्च।
भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान आईसीएआर मोदीपुरम मेरठ तथा श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान केन्द्र कोटा के बीच मंगलवार को एमओयू साइन हुआ है। आईसीएआर के निदेशक डॉ. सुनील कुमार एवं ताराचन्द गोयल ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। दोनों संस्थाएं जैविक कृषि अनुसन्धान, प्रसार एवं प्रशिक्षण के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे। यह समझौता 5 वर्ष तक प्रभावी रहेगा।
श्री रामशांताय जैविक अनुसन्धान केन्द्र के निदेशक ताराचंद गोयल ने बताया कि इस एमओयू के तहत एक दूसरे के सहयोग से जैविक कृषि के सन्दर्भ में कृषि की प्राचीन, पारम्परिक एवं बहुप्रचलित विधियों पर अनुसंधान एवं प्रसार कार्यों को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही, आधुनिक तकनीक और पर्यावरण संरक्षण के बीच सामंजस्य बिठाते हुए गुणवत्तायुक्त कृषि और किसानों की समृद्धि के लिए संयुक्त प्रयास किए जाएंगे। इसके तहत् अनुसंधान केन्द्र, प्रयोगशालाएं, प्रशिक्षण भवन, आवास समेत सभी आवश्यक संसाधन विकसित किए जाएंगे। किसानों के साथ ही, शिक्षा, अनुसंधान एवं विस्तार के नवीन आयाम स्थापित कर छात्रों को भी तकनीकी रूप से सक्षम बनाने का प्रयास किया जाएगा।
गोयल ने कहा कि गौ आधारित जैविक कृषि से किसानों की उत्पादन लागत कम हुई है और गुणवत्ता भी बेहतरीन मिलती है। इस कार्य मे आईसीएआर के संस्थान का सहयोग मिलने से गौ आधारित कृषि को प्रोत्साहन मिलेगा।
आईसीएआर -भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम मेरठ के निदेशक डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि यह समझौता सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए हितकारी बनेगा। इस दिशा में हम एक दूसरे से मिलकर प्रयास करेंगे।
इस अवसर पर श्री कृष्ण मुरारी अखिल भारतीय बीज प्रमुख, भारतीय किसान संघ के साथ मोदीपुरम संस्थान के मुख्य डाॅ. एन. रविशंकर, डॉ. टीपी स्वर्मं, डॉ. आरपी मिश्रा, श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान केन्द्र कोटा के मुख्य वैज्ञानिक पवन के. टाक आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के बाद डॉ एन रविशंकर ने सभी को संस्थान का अवलोकन करवाया।