written by : प्रमुख संवाद
कोटा, 16 मार्च। होली की दोज पर कायस्थ समाज द्वारा घरों में भी सामूहिक चित्रगुप्त व कलम दवात पूजन किया गया। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा युवाशाखा प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत सक्सेना ने बताया इस पर्व पर भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने का विधान है। कायस्थ समाज द्वारा हर वर्ष होली की यमद्वितीया तिथि पर चित्रगुप्त पूजा का पर्व मनाया जाता है। भगवान श्री चित्रगुप्त को लेखन, ज्ञान, और गणना का देवता माना जाता है। वे हमारे अच्छे और बुरे कार्यों का हिसाब रखते हैं और प्रत्येक व्यक्ति के कर्मों का लेखा-जोखा करते हैं। इसलिए भगवान श्री चित्रगुप्त से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यमद्वितीया का दिन सर्वोत्तम माना जाता है। इस दिन पूजा करने से न केवल लेखन में निपुणता आती है, बल्कि ज्ञान, बुद्धि और सृजनात्मकता भी बढ़ती है।
प्रदेश महासचिव हिरदेश सक्सेना ने कहा कि होली का पर्व रंगों और उमंगों का प्रतीक होता है, लेकिन यमद्वितीया (दूज) का दिन विशेष रूप से भगवान श्री चित्रगुप्त की पूजा के लिए समर्पित होता है। यह दिन केवल एक समुदाय या जाति के लिए नहीं है, बल्कि पूरे सनातन हिंदू समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान श्री चित्रगुप्त की पूजा करके, हम अपने जीवन में विद्या, बुद्धि, और लेखन के आशीर्वाद की प्राप्ति कर सकते हैं। इस अवसर पर प्रशांत सक्सेना, हिरदेश सक्सेना, पवन भटनागर, नीरज सक्सेना, संजय माथुर, दिनेश गौड़, संजीव श्रीवास्तव, सुनील सक्सेना, अखिल सक्सेना, आशीष सक्सेना, विपिन सक्सेना, संजीव सक्सेना, ममता श्रीवास्तव, अमिता सक्सेना, प्रियंका भटनागर, हेमा सक्सेना, नीतू भटनागर, पूर्वीशा सक्सेना, मोनिका सक्सेना, चित्रांशु सक्सेना, हार्दिक सक्सेना, यवनिका सक्सेना, मोहित सक्सेना, अभी सक्सेना, अनिल सक्सेना, सविता माथुर, प्रियांश सक्सेना, दिव्यांश सक्सैना, यतीश सक्सेना, संदीप सक्सेना सहित बड़ी संख्या में चित्रांश बंधु उपस्थित रहे।