Written by: Sanjay kumar
Published : 15 March 2025
7 मार्च को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 15.26 अरब डॉलर बढ़कर 653.96 अरब डॉलर पर पहुंचा
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 7 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान 15.26 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 653.96 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो पिछले दो वर्षों में सबसे तेज साप्ताहिक वृद्धि है। इससे पहले, 28 फरवरी को समाप्त सप्ताह में भंडार 1.78 अरब डॉलर घटकर 638.69 अरब डॉलर रह गया था। सितंबर 2024 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा था।
वृद्धि के प्रमुख कारण
इस वृद्धि का मुख्य कारण 28 फरवरी को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा किया गया 10 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा विनिमय है, जिससे प्रणाली में तरलता बढ़ाने के लिए रुपये के मुकाबले डॉलर खरीदा गया था। इसके परिणामस्वरूप, समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का एक प्रमुख हिस्सा, विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए), 13.99 अरब डॉलर बढ़कर 557.28 अरब डॉलर हो गईं। डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित एफसीए में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है।
स्वर्ण भंडार और अन्य घटक
समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 1.05 अरब डॉलर घटकर 74.32 अरब डॉलर रह गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 21.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.21 अरब डॉलर हो गया, जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास भारत का आरक्षित भंडार 6.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.14 अरब डॉलर रहा।
वैश्विक तुलना
पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार की तुलना में भारत का भंडार 41 गुना अधिक है। पाकिस्तान का फॉरेक्स रिजर्व लगभग 16 अरब डॉलर है, जबकि भारत का 654 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। दुनिया में सबसे अधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों में भारत चौथे स्थान पर है, जबकि चीन पहले स्थान पर है।
इस प्रकार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार हाल के सप्ताहों में महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शा रहा है, जो देश की आर्थिक स्थिरता और वित्तीय सुदृढ़ता का संकेत है।