आरपीएससी भर्ती प्रक्रिया में डिजिलॉकर से दस्तावेज़ सत्यापन: फर्जी प्रमाण-पत्रों पर लगेगी रोक

Sanjay kumar

जयपुर, 11 मार्च। राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए डिजिलॉकर तकनीक का उपयोग अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। इस पहल का उद्देश्य फर्जी डिग्री और प्रमाण-पत्रों पर रोक लगाना और दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया को सरल बनाना है।

आयोग के सचिव ने बताया कि राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के अनुरोध पर, आरपीएससी अब डिग्रियों, अंकतालिकाओं और अन्य दस्तावेज़ों का सत्यापन नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी में संधारित डेटा को डिजिलॉकर के माध्यम से एक्सेस करके करेगा। इस संबंध में 25 फरवरी 2025 को एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था, जिसमें डिजिलॉकर के उपयोग और ऑनलाइन उपलब्ध दस्तावेज़ों के बारे में जानकारी दी गई थी।

डिजिलॉकर की विशेषताएं:

  • आधार, 10वीं/12वीं/स्नातक आदि की अंकतालिकाएं स्व-प्रमाणीकरण के माध्यम से उपलब्ध होती हैं।
  • दस्तावेज़ जारीकर्ता प्राधिकारी द्वारा प्रमाणित होकर डिजिलॉकर में उपलब्ध होते हैं, जिससे पुनः सत्यापन की आवश्यकता नहीं रहती और समय की बचत होती है।
  • यह भारत सरकार का पूर्णतः सुरक्षित और संरक्षित एप्लीकेशन है।

अभ्यर्थियों के लिए निर्देश:

भर्ती परीक्षाओं के लिए आवेदन करने वाले सभी अभ्यर्थियों को डिजिलॉकर पर खाता बनाना आवश्यक है। इसके बाद, अपने खाते में स्वयं के दस्तावेज़, जैसे 10वीं/12वीं/स्नातक/स्नातकोत्तर की अंकतालिकाएं, ऑनलाइन फेच करें। एक बार फेच होने के बाद, ये दस्तावेज़ अभ्यर्थी के डिजिलॉकर में संधारित रहेंगे, जिनका उपयोग आवश्यकता पड़ने पर आसानी से किया जा सकेगा।

भर्ती प्रक्रिया में लाभ:

  • दस्तावेज़ सत्यापन की यह प्रक्रिया फर्जी डिग्री और प्रमाण-पत्रों पर लगाम लगाने में प्रभावी सिद्ध होगी।
  • अभ्यर्थी की सही पहचान और दस्तावेज़ों की प्रामाणिकता सुनिश्चित होगी, जिससे पात्र अभ्यर्थियों का चयन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
  • दस्तावेज़ सत्यापन ऑनलाइन स्व-प्रमाणीकरण के आधार पर उपलब्ध होने से इस प्रक्रिया में लगने वाले अनावश्यक समय में कमी होगी और भर्ती प्रक्रिया त्वरित गति से पूर्ण की जा सकेगी।
  • निकट भविष्य में अभ्यर्थियों की वन टाइम रजिस्ट्रेशन संबंधी एप्लीकेशन आईडी/एडमिट कार्ड आदि से संबंधित सूचनाएं भी डिजिलॉकर से इंटीग्रेट कर सुगमता से उपलब्ध करवाई जा सकेंगी।

इस पहल से आरपीएससी की भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि होगी, जिससे योग्य अभ्यर्थियों का चयन सुनिश्चित होगा।

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