योगेश जैन सिंघम
जयपुर, 09 मार्च 2025
राजस्थान सरकार ने कोचिंग संस्थानों को कानूनी रूप से नियंत्रित करने और छात्रों के हितों की रक्षा के लिए एक अहम कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ‘राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक-2025’ को मंजूरी दे दी गई है। इस विधेयक का उद्देश्य कोचिंग संस्थानों को एक नियमित, पारदर्शी और जिम्मेदार ढांचे के तहत संचालित करना है, ताकि छात्रों को एक सुरक्षित और सहयोगी शैक्षणिक माहौल मिल सके।
कोचिंग संस्थानों के लिए नए नियम और प्रावधान
राज्य में अब 50 या उससे अधिक छात्रों वाले कोचिंग संस्थान कानून के दायरे में आएंगे। सरकार ने इन संस्थानों को पंजीकृत करने और पारदर्शी रूप से संचालित करने के लिए कई अहम कदम उठाने का फैसला किया है:
- राज्य स्तरीय पोर्टल: सभी कोचिंग संस्थानों की जानकारी और निगरानी के लिए एक केंद्रीय पोर्टल बनाया जाएगा, जिससे उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
- काउंसलिंग और हेल्पलाइन: छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए विशेष हेल्पलाइन नंबर शुरू किया जाएगा, जहां वे अपनी शिकायतें और सुझाव साझा कर सकेंगे।
- नियामक प्राधिकरण की स्थापना: कोचिंग संस्थानों के प्रबंधन और संचालन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए राजस्थान कोचिंग संस्थान (नियंत्रण एवं विनियमन) प्राधिकरण गठित किया जाएगा।
- छात्रों की सुरक्षा: संस्थानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्रों को अनावश्यक मानसिक दबाव या अनुचित दबाव का सामना न करना पड़े।
- संस्थानों की जवाबदेही: कोचिंग संचालकों को अपने पाठ्यक्रम, फीस संरचना, शिक्षण गुणवत्ता और बुनियादी ढांचे से संबंधित पूरी जानकारी सार्वजनिक करनी होगी।
राजस्थान कौशल विकास नीति को भी मिली मंजूरी
राज्य सरकार ने युवाओं को उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप प्रशिक्षित करने के लिए ‘राजस्थान कौशल विकास नीति’ को भी मंजूरी दी है। इस नीति का उद्देश्य छात्रों को आधुनिक तकनीकों और उद्योग की जरूरतों के अनुसार तैयार करना है। इसके तहत:
- नई तकनीकों में प्रशिक्षण: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), मशीन लर्निंग, स्मार्ट विनिर्माण और साइबर सुरक्षा जैसे आधुनिक क्षेत्रों में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का आधुनिकीकरण: राज्यभर में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) को नवीनतम उद्योग आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित किया जाएगा।
- मॉडल करियर केंद्रों की स्थापना: सभी संभागीय मुख्यालयों में ‘मॉडल करियर केंद्र’ स्थापित किए जाएंगे, जहां युवाओं को करियर काउंसलिंग, इंटर्नशिप और रोजगार के अवसरों से जुड़ी जानकारी मिलेगी।
- स्थानीय उद्योगों के साथ समन्वय: औद्योगिक स्थलों में प्रशिक्षण केंद्र बनाए जाएंगे, ताकि वहां की आवश्यकताओं के अनुसार युवाओं को तैयार किया जा सके।
दिव्यांगजन के लिए समान अवसर नीति लागू
राज्य सरकार ने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समान अवसर नीति को भी मंजूरी दी है। यह नीति दिव्यांगजन (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप तैयार की गई है। इसके तहत:
- सरकारी कार्यालयों में सुगम्य सुविधाएं: सरकारी विभागों, स्वायत्त निकायों और संस्थानों में दिव्यांगजनों के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
- कार्यस्थलों को अनुकूल बनाया जाएगा: दिव्यांग कर्मचारियों को अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए जरूरी संसाधन और सहयोग दिया जाएगा।
- नागरिक सेवाओं में सुलभता: सरकारी सेवाओं और योजनाओं तक दिव्यांगजनों की आसान पहुंच सुनिश्चित की जाएगी।
सरकार का उद्देश्य: शिक्षा, रोजगार और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि ये फैसले राज्य में शिक्षा, कौशल विकास और सामाजिक न्याय को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि राज्य के युवाओं को आधुनिक शिक्षा और प्रशिक्षण देकर उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया जाए। साथ ही, कोचिंग संस्थानों के नियमन से छात्रों के शैक्षणिक माहौल को और सुरक्षित और प्रभावी बनाया जाएगा।”
राजस्थान सरकार का यह कदम राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और समावेशी विकास को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।