केरल में निपाह वायरस का अलर्ट: जानें खतरा, लक्षण और बचाव के उपाय

Sanjay kumar

7 मार्च 2025:

नई दिल्ली: केरल राज्य में निपाह वायरस के संक्रमण का खतरा एक बार फिर बढ़ गया है। राज्य सरकार ने कोझिकोड, मलप्पुरम, कन्नूर, वायनाड और एर्नाकुलम जिलों को उच्च जोखिम क्षेत्र घोषित करते हुए हाई अलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग इन जिलों में जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है ताकि संक्रमण को रोका जा सके।

निपाह वायरस क्या है:

निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है, जो जानवरों से इंसानों में फैलता है। यह मुख्यतः फ्रूट बैट (फल खाने वाले चमगादड़) और सुअरों में पाया जाता है, जो इंसानों में संक्रमण का कारण बन सकते हैं। संक्रमित जानवरों के सीधे संपर्क में आने या उनके स्राव से दूषित खाद्य पदार्थों के सेवन से यह वायरस इंसानों में प्रवेश करता है।

निपाह वायरस कितना खतरनाक है:

निपाह वायरस संक्रमण की मृत्यु दर 40% से 75% तक हो सकती है, जो इसे अत्यंत घातक बनाती है। भारत जैसे अधिक जनसंख्या वाले देशों में यह विशेष रूप से खतरनाक साबित हो सकता है, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और इलाज में देरी जैसी समस्याएं आम हैं।

निपाह वायरस के लक्षण:

संक्रमण के लक्षण आमतौर पर 4 से 14 दिनों के भीतर प्रकट होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • तेज बुखार
  • सिरदर्द
  • खांसी और गले में खराश
  • सांस लेने में कठिनाई
  • उल्टी और दस्त
  • मांसपेशियों में दर्द
  • अत्यधिक कमजोरी
  • भ्रम और भटकाव
  • दौरे पड़ना
  • कोमा में जाना

बचाव के उपाय:

  • संक्रमित जानवरों, विशेषकर सुअरों और चमगादड़ों से दूर रहें।
  • कच्चे खजूर का रस या ऐसे फल न खाएं जो चमगादड़ों द्वारा खाए गए हों।
  • हाथों की नियमित सफाई करें और व्यक्तिगत स्वच्छता का पालन करें।
  • संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क से बचें और स्वास्थ्य निर्देशों का पालन करें।

निष्कर्ष:

निपाह वायरस एक गंभीर स्वास्थ्य संकट है, जिसे रोकने के लिए सतर्कता और सावधानी आवश्यक है। राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें, जागरूक रहें और सुरक्षित रहें।

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