विकसित भारत@2047: संकल्प, नेतृत्व और राष्ट्र गौरव का आह्वान

संजय कुमार

कोटा, 2 मार्च – जनमंच संस्थान कोटा द्वारा रविवार को तलवंडी स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में भव्य जन सम्मेलन “व्याख्यान: भारत को देखना है, अब भारत की ओर…” का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रखर वक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने मुख्य वक्ता के रूप में विकसित भारत@2047 की अवधारणा पर विस्तृत व्याख्यान दिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस दौरान वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राकेश जिंदल, ऊर्जा मंत्री हीरालाल सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

“गौरवशाली अतीत से प्रेरणा, स्वर्णिम भविष्य की ओर अग्रसर भारत”

अपने संबोधन में डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि भारत की ऐतिहासिक विरासत हमें प्रेरित कर रही है और आने वाला समय निश्चित रूप से भारत का है। उन्होंने नागरिकों से आह्वान किया कि वे अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ें और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभाएं।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारत वैश्विक मंच पर तेजी से उभर रहा है। उन्होंने युवाओं और छात्रों को इस अभियान में योगदान देने के लिए प्रेरित किया और कहा कि सुधांशु त्रिवेदी जैसे विद्वानों का मार्गदर्शन विद्यार्थियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

“2014 के बाद बदली सोच, अब राष्ट्र निर्माण का दौर”

डॉ. त्रिवेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की विकास यात्रा को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि 2014 में केवल सरकार नहीं बदली, बल्कि सोच और विचारधारा का भी परिवर्तन हुआ। सरकार अब केवल सत्ता संचालन तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज निर्माण के लक्ष्य पर केंद्रित है।

उन्होंने डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत और रक्षा उत्पादन में भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पहले भारत केवल मिसाइल बनाता था, अब वह रक्षा उपकरणों का निर्यात भी कर रहा है।

“भारत की वैश्विक पहचान और आत्मगौरव”

उन्होंने कहा कि पहले ऑक्सफोर्ड से भारत सीखता था, लेकिन आज भारत की डिजिटल क्रांति पर ऑक्सफोर्ड में शोध हो रहा है। उन्होंने चंद्रयान-3, सौर ऊर्जा, एआई रिसर्च और ग्रीन एनर्जी मिशन जैसे विषयों पर भी भारत की उपलब्धियों का उल्लेख किया।

“आज का भारत युद्ध के भी नियम तय करता है। पहले हम हमलों का शिकार होते थे, अब सर्जिकल स्ट्राइक करते हैं।”

“मोदी के 5 संकल्प और भारत@2047 का विजन”

डॉ. त्रिवेदी ने प्रधानमंत्री मोदी के पांच संकल्पों को दोहराते हुए कहा कि हमें:

  1. विकसित भारत का निर्माण करना है।
  2. गुलामी की मानसिकता से मुक्ति पानी है।
  3. अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करना है।
  4. कर्तव्य बोध के साथ राष्ट्र सेवा करनी है।
  5. सामूहिक उत्तरदायित्व को समझना है।

उन्होंने कहा कि भारत “वसुधैव कुटुंबकम” की भावना को लेकर आगे बढ़ रहा है और दुनिया को अपने सांस्कृतिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मार्गदर्शन दे रहा है।

“संघर्ष और संकल्प की धरती – कोटा”

कार्यक्रम के अंत में डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि कोटा की धरती पत्थरों को भी चमका देती है और प्रतिभाओं को निखारती है। उन्होंने राजस्थान के ऐतिहासिक गौरव का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भूमि कभी मानसिक रूप से पराधीन नहीं रही।

उपस्थित गणमान्यजन

इस अवसर पर संस्थान अध्यक्ष जितेंद्र गोयल, प्रवक्ता रवि अग्रवाल, गोविंद माहेश्वरी, महामंत्री सतीश गुप्ता, कोषाध्यक्ष डीसी जैन, कमल गुप्ता, तेजेश गोयल, विकास अग्रवाल, सुरेश पवार सहित अनेक विशिष्ट अतिथि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

“भारत आत्मनिर्भरता और गौरव के पथ पर आगे बढ़ रहा है, और यह यात्रा अब रुकने वाली नहीं।”

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