Sanjay kumar
जयपुर, 22 फरवरी: राजस्थान में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, जहां कांग्रेस विधायकों का विधानसभा में धरना लगातार जारी है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर मंत्री अविनाश गहलोत की टिप्पणी और कांग्रेस के छह विधायकों के निलंबन के खिलाफ कांग्रेस ने विरोध का बिगुल फूंक दिया है।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने बताया कि शुक्रवार रात तीन मंत्रियों ने कांग्रेस विधायकों से वार्ता की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका और विधायक पूरी रात सदन में धरने पर बैठे रहे।
मंत्री की टिप्पणी वापस लेने की मांग
कांग्रेस का स्पष्ट कहना है कि मंत्री को अपनी टिप्पणी तुरंत वापस लेनी होगी। टीकाराम जूली ने कहा, “सरकार खुद सदन की कार्यवाही में व्यवधान डाल रही है। इससे पहले भी सदन में अमर्यादित शब्दों को कार्यवाही से हटाया जाता रहा है, लेकिन इस बार इसे जानबूझकर मुद्दा बनाया जा रहा है।”
क्या है विवाद?
शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत ने कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास योजना पर चर्चा के दौरान इंदिरा गांधी का नाम लेते हुए एक टिप्पणी की, जिससे कांग्रेस विधायक भड़क उठे। सदन में हंगामे के बाद तीन बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
छह कांग्रेस विधायकों का निलंबन
हंगामे के बाद कांग्रेस के छह विधायकों—जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी शामिल हैं—को विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बजट सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया। इसके विरोध में कांग्रेस विधायक सदन में धरने पर बैठ गए।
राज्यभर में कांग्रेस का प्रदर्शन
कांग्रेस प्रवक्ता के अनुसार, “पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अपमान और छह विधायकों के निलंबन के खिलाफ 22 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करेंगे।”
अब देखना यह होगा कि सरकार इस मामले में क्या रुख अपनाती है और कांग्रेस का यह आंदोलन कितना लंबा चलता है।