प्रमुख संवाद, 13 फरवरी।
हरे कृष्ण मंदिर कोटा में उत्सव: इस्कॉन संस्थापक को “विश्वगुरु” की उपाधि
कोटा। अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) के संस्थापक-आचार्य श्रील अभय चरण भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जी को “विश्वगुरु” की प्रतिष्ठित उपाधि से सम्मानित किया गया। यह ऐतिहासिक सम्मान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा महाकुंभ 2025 में प्रदान किया गया, जिससे पूरे सनातन धर्म में हर्ष की लहर दौड़ गई।


इस अवसर पर हरे कृष्ण मंदिर, कोटा में एक भव्य समारोह आयोजित किया गया, जिसमें सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया। मंदिर के उपाध्यक्ष राधा प्रिय दास जी ने कहा कि श्रील प्रभुपाद को “विश्वगुरु” की उपाधि मिलना सभी सनातन धर्म अनुयायियों के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा, “एक सच्चे शिष्य की सफलता गुरु की आज्ञा का पालन करने और उनके गुणगान करने में ही निहित होती है।”
उत्सव में भव्य हरिनाम संकीर्तन, भागवत कथा, एवं विशेष पूजन का आयोजन किया गया। भक्तों ने श्रील प्रभुपाद के योगदान को स्मरण करते हुए श्रीकृष्ण महायज्ञ में भाग लिया और “हरे कृष्ण हरे राम” महामंत्र का संकीर्तन किया। इस दौरान मंदिर परिसर भक्ति और उल्लास से गूंज उठा। यह कार्यक्रम श्रील प्रभुपाद जी के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता का प्रतीक बना।
श्रील प्रभुपाद जी ने संपूर्ण विश्व में भगवद गीता और वैदिक संस्कृति का प्रचार किया, जिससे लाखों लोगों ने कृष्ण भक्ति को अपनाया। यह सम्मान उनके अतुलनीय योगदान का प्रमाण है। अंत में, सभी भक्तों ने “विश्वगुरु श्रील प्रभुपाद की जय!” के जयकारों के साथ इस ऐतिहासिक क्षण का स्वागत किया और महाप्रसाद ग्रहण किया।