प्रमुख संवाद, 9 फरवरी।
बीजापुर (छत्तीसगढ़):
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के घने जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई है। इस एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने 12 नक्सलियों को ढेर कर बड़ी सफलता हासिल की है। बस्तर पुलिस ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि फिलहाल इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है और रुक-रुक कर गोलियों की आवाजें अब भी सुनाई दे रही हैं।
जंगलों में तड़के शुरू हुई मुठभेड़
यह मुठभेड़ इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के अंदर रविवार सुबह उस वक्त शुरू हुई जब सुरक्षाबलों की एक टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक एनकाउंटर में 12 नक्सली मारे गए हैं, लेकिन इलाके की संवेदनशीलता को देखते हुए तलाशी अभियान अभी भी जारी है।”
दंतेवाड़ा में 6 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
इससे पहले, 5 फरवरी को दंतेवाड़ा जिले में 6 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर सुरक्षाबलों के सामने हथियार डाल दिए। आत्मसमर्पण करने वालों में 5 महिला नक्सली भी शामिल थीं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, ये सभी नक्सली ‘लोन वर्राटू’ (घर वापसी) अभियान से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौटे हैं। राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत इन्हें आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण, और अन्य सरकारी लाभ प्रदान किए जाएंगे।
अब तक 900 नक्सलियों का आत्मसमर्पण
लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 900 नक्सली, जिनमें 212 इनामी नक्सली भी शामिल हैं, हथियार डाल चुके हैं। यह आंकड़ा दिखाता है कि राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान कितने प्रभावी साबित हो रहे हैं।
क्या अब नक्सलवाद पर लगेगा पूरी तरह से ब्रेक?
बीजापुर में हुए इस बड़े एनकाउंटर और आत्मसमर्पण की बढ़ती घटनाएं संकेत दे रही हैं कि नक्सल प्रभावित इलाकों में अब सुरक्षाबलों का दबदबा लगातार बढ़ रहा है। क्या यह नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में निर्णायक कदम साबित होगा?