भगवान देवनारायण जयंती महोत्सव 2025: गुर्जर समाज की भव्य शोभायात्रा में झलकी परंपरा, संस्कृति और श्रद्धा

संजय कुमार

कोटा, 6 फरवरी:
भगवान देवनारायण की 1113वीं जयंती के अवसर पर कोटा में गुर्जर समाज ने भव्य और ऐतिहासिक शोभायात्रा का आयोजन किया। इस बार आयोजन की विशेषता यह रही कि पहली बार भगवान देवनारायण की शोभायात्रा को भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा की तर्ज पर आयोजित किया गया। श्रद्धालुओं ने रस्सियों से बंधे भगवान के रथ को पूरे उत्साह और आस्था के साथ खींचा, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए।

भव्य शोभायात्रा का शुभारंभ

शोभायात्रा की शुरुआत किशोरपुरा स्थित पद्मनाथ मंदिर से हुई, जहां विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद रथ यात्रा का आगाज किया गया। इस दौरान गुर्जर समाज की महिलाओं ने भगवान पद्मनाथ को चांदी का मुकुट धारण कराया। शोभायात्रा के शुभारंभ पर पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर, संरक्षक रामलाल गुंजल, डॉ. बी.एल. गोचर, मुन्नालाल गुर्जर एवं अन्य गणमान्य लोगों ने भगवान देवनारायण की आरती उतारकर यात्रा को रवाना किया।

10 किलोमीटर तक गूंजे जयकारे

लगभग 10 किलोमीटर लंबे मार्ग में हजारों श्रद्धालु परंपरागत वेशभूषा में शामिल हुए। पुरुष, महिलाएं, युवा और बच्चे सभी मिलकर रस्सियों से बंधे रथ को खींचते नजर आए। मार्ग में जगह-जगह पुष्पवर्षा कर शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया गया।

गुर्जर समाज की कला और संस्कृति का अद्भुत प्रदर्शन

शोभायात्रा में कच्ची घोड़ी नृत्य, गेर नृत्य, और लोकगीतों के साथ समाज की परंपराओं का जीवंत प्रदर्शन देखने को मिला। भगवान देवनारायण की झांकियों में उनके गोपालन दृश्य, साडू माता की आराधना, शेरनी का दूध पीते भगवान और लड्डू गोपाल की झांकियों ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

अखाड़ों के हैरतअंगेज करतब और रोमांचक प्रदर्शन

युवाओं के जोश और उत्साह का नजारा तब देखने को मिला जब उन्होंने 150 किलो वजनी बाइक को हाथों से उठाकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। साथ ही, आंखों पर पट्टी बांधकर तलवार से नींबू काटना, लाठी चलाना, और चकरी घुमाना जैसे करतबों ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया।

कलश यात्रा से बढ़ी शोभायात्रा की भव्यता

रंगबाड़ी बालाजी तेजाजी मंदिर के पास से 501 कलशों के साथ महिलाओं का समूह शोभायात्रा में शामिल हुआ, जिससे धार्मिक माहौल और अधिक भक्तिमय हो गया।

चंवर ढुलाने का सौभाग्य बोली के माध्यम से प्राप्त

इस वर्ष विशेष आकर्षण रहा भगवान के रथ पर चंवर ढुलाने का अवसर, जो बोली के माध्यम से चयनित सौभाग्यशाली परिवारों को प्रदान किया गया। 11 घोड़ों पर सवार समाज के वरिष्ठजन शोभायात्रा में विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।

समापन समारोह और सम्मान कार्यक्रम

शोभायात्रा के समापन पर गणेश नगर स्थित भगवान देवनारायण मंदिर में आमसभा का आयोजन किया गया। इसमें समाज की प्रतिभाओं, समिति पदाधिकारियों, झांकी और अखाड़ों को सम्मानित किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल और विशिष्ट अतिथि डॉ. बी.एल. गोचर, बद्री गोचर, और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि का संदेश – “विचारों की ताकत से बनता है पराक्रमी योद्धा”

मुख्य अतिथि प्रहलाद गुंजल ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा,
“आज के युवा पीढ़ी में चुनौतियों का सामना करने का साहस कम होता जा रहा है। हमें बच्चों को न केवल आधुनिक शिक्षा बल्कि धार्मिक ग्रंथों और महापुरुषों की जीवनी से भी जोड़ना चाहिए। विचारों की ताकत ही एक सच्चे योद्धा और जिम्मेदार नागरिक का निर्माण करती है।”

15,000 श्रद्धालुओं के लिए प्रसादी का आयोजन

समारोह के अंत में 15,000 से अधिक श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सभी ने प्रसादी ग्रहण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।

यह आयोजन न केवल गुर्जर समाज की परंपराओं और एकता का प्रतीक रहा, बल्कि धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक विरासत, और सामुदायिक भावना का अद्भुत संगम भी देखने को मिला।

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