कोटा कांग्रेस में अंतर्कलह: गुटबाजी के चलते ताले में बंद हुआ सम्मान समारोह

संजय कुमार

कोटा, 5 फरवरी – कोटा शहर कांग्रेस में गुटबाजी का नया अध्याय उस समय खुलकर सामने आ गया जब नवगठित जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के सम्मान समारोह के लिए कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय पहुंचे, लेकिन वहां ताला जड़ा हुआ मिला। इससे आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने कार्यालय के बाहर ही समारोह आयोजित किया और जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी के खिलाफ नारेबाजी की।

क्या है पूरा मामला?

बुधवार को कोटा दक्षिण के ब्लॉक A और B की ओर से जिला कार्यकारिणी के नव-निर्वाचित पदाधिकारियों के सम्मान में समारोह आयोजित किया गया था। सुबह 11 बजे कार्यकर्ता जब पार्टी कार्यालय पहुंचे तो पाया कि वहां ताला लगा हुआ है और कार्यालय का कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति मौजूद नहीं था।

कार्यकर्ताओं का आरोप है कि यह ताला जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी के इशारे पर लगाया गया ताकि समारोह न हो सके। आयोजकों का कहना है कि उन्होंने पहले से ही कार्यालय मंत्री को सूचना दे रखी थी, फिर भी कार्यालय बंद रखना सवाल खड़े करता है। इस घटना से नाराज कार्यकर्ताओं ने कार्यालय के बाहर ही कार्यक्रम संपन्न किया और पार्टी नेतृत्व को इस गुटबाजी की शिकायत भेजने का ऐलान किया।

गुटबाजी की गूंज: कौन किस खेमे में?

इस पूरे विवाद में कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आई है। नाराज कार्यकर्ता महिला कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष राखी गौतम के खेमे से जुड़े बताए जा रहे हैं, जबकि जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी ने इसे महज “नौटंकी” करार दिया है।

जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी का बचाव

जब इस बारे में जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी से सवाल किया गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वे पारिवारिक शोक के कारण मंगलवार को किशनगंज गए थे और देर रात लौटे। उन्होंने कहा,
“मुझे इस कार्यक्रम की कोई सूचना नहीं दी गई थी, न ही कार्यालय की चाबी मांगी गई। चाबी कार्यालय मंत्री संतोष कुमार के पास होती है और कार्यालय प्रतिदिन दोपहर 3 बजे खुलता है। यह पूरा घटनाक्रम एक सोची-समझी साजिश के तहत किया गया है।”

आगे क्या होगा?

इस घटना से कांग्रेस की आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गई है। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे इस मामले को हाईकमान तक ले जाएंगे और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करेंगे। वहीं, जिलाध्यक्ष त्यागी ने भी कहा कि वे इस “अनुशासनहीनता” की रिपोर्ट शीर्ष नेतृत्व को सौंपेंगे।

अब देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस हाईकमान इस गुटबाजी को रोकने के लिए क्या कदम उठाता है और क्या कोटा कांग्रेस में फिर से एकता कायम हो पाएगी या अंतर्कलह और गहराएगी?

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