प्रमुख संवाद
कोटा, 4 फरवरी। राष्ट्रवादी कवि वीरेंद्र सिंह विद्यार्थी की जयंती के अवसर पर साहित्यकार सम्मान समारोह एवं काव्य गोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन पश्चिम मध्य रेलवे कोटा मंडल के राजभाषा विभाग और श्री हिंदी साहित्य समिति के संयुक्त तत्वावधान में हुआ।
मुख्य अतिथि महाप्रभुजी पीठ के विनय बाबा ने अपने संबोधन में कहा, “राष्ट्र की सुरक्षा के लिए साहित्य को राष्ट्र चेतना जागृत करने की अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। जब राष्ट्र सुरक्षित रहेगा, तभी धर्म और संस्कृति भी सुरक्षित रह सकेंगे।”
इस समारोह की अध्यक्षता डॉ. रघुराज सिंह कर्मयोगी ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संरक्षक रामेश्वर शर्मा ‘रामू भैया’ और राजस्थान सरकार पाठ्यपुस्तक मंडल के शिक्षा प्रन्यासी अरविंद सिसोदिया उपस्थित रहे। प्रमुख वक्ता भगवत सिंह मयंक ने अपने विचार साझा किए।
इस अवसर पर राजकुमार प्रजापत (वरिष्ठ मंडल लेखा अधिकारी, कोटा रेल मंडल) और प्रसिद्ध व्यंग्यकार कमलेश कमल को शॉल, श्रीफल, पटका और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
डॉ. रघुराज सिंह कर्मयोगी ने कहा कि वीरेंद्र सिंह विद्यार्थी द्वारा लिखित पुस्तक “सोच बदलो, सितारे बदल जाएंगे” ऐतिहासिक महत्व रखती है और इसे व्यापक रूप से प्रचारित किया जाना चाहिए। उन्होंने इस पुस्तक को कोटा के छात्रों में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए महत्वपूर्ण बताया।
कार्यक्रम का सफल संचालन प्रेम शास्त्री ने किया और धन्यवाद ज्ञापन वीरेंद्र सिंह विद्यार्थी के ज्येष्ठ पुत्र संजीव पलवार ने किया।
इस आयोजन में रामेश्वर शर्मा ‘रामू भैया’, अरविंद सिसोदिया, भगवत सिंह मयंक, राजकुमार प्रजापत, कमलेश कमल, भगवती प्रसाद गौतम, प्रेम शास्त्री, कालीचरण राजपूत, सलीम स्वतंत्र, हेम सिंह, ज्ञान सिंह गंभीर, विष्णु शर्मा हरिहर, तंवर सिंह हाडा, रविंद्र सिंह बीकावत, नंद सिंह पवार, सुरेश वैष्णव, देशबंधु पांडे, जमील कुरैशी, राजेंद्र आर्य, रमाकांत शर्मा, सुरेंद्र सिंह गौड़, योगराज योगी सहित कोटा के प्रतिष्ठित साहित्यकारों ने भाग लिया।