राज्य सरकार के दिशा-निर्देशन में विद्युत उत्पादन निगम के विद्युत गृहों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

प्रमुख संवाद

जयपुर ,1 फरवरी।
राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के विद्युत गृहों ने शुक्रवार को अब तक का उच्चतम 7160 मेगावाट विद्युत उत्पादन करते हुए गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल की हैं। वर्तमान में संचालित उत्पादन निगम की 7330 मेगावाट क्षमता की 22 थर्मल इकाइयों ने शुक्रवार को सर्वाधिक 6833 मेगावाट का विद्युत उत्पादन हासिल किया। वहीं निगम की गैस आधारित 600.5 एवं जल विद्युत आधारित 411 मेगावाट क्षमता की इकाइयों से 327 मेगावाट का विद्युत उत्पादन अर्जित किया गया।

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उत्पादन निगम के सीएमडी, अभियन्ताओं एवं समस्त कर्मचारियों को बधाई दी है। उन्होंने बताया कि उत्पादन निगम ने 8341.5 मेगावाट की संचालित इकाईयों से 7160 मेगावाट का उच्चतम विद्युत उत्पादन दर्ज किया है जो कि हाल ही में 10 जनवरी 2025 को हासिल किये गए 7066 मेगावाट के सर्वोच्च विद्युत उत्पादन से 94 मेगावाट अधिक है। यह जुलाई 2000 को निगम के गठन के बाद से भी अब तक की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि है। वर्तमान में 7580 मेगावाट क्षमता की 23 इकाइयों में से 22 इकाइयों से उत्पादन किया जा रहा है। सूरतगढ़ थर्मल की 250 मेगावाट क्षमता की इकाई संख्या 3 वार्षिक रखरखाव के कारण फिलहाल बन्द है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव, ऊर्जा आलोक ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अग्रसर है। राज्य सरकार के दिशा-निर्देशन में कार्य करते हुए बेहतर रखरखाव, कुशल वार्षिक अनुरक्षण तथा श्रेष्ठ संचालन के कारण विद्युत उत्पादन ने यह शानदार सफलता हासिल की है। उन्होने आशा प्रकट की है कि भविष्य में भी इसी प्रकार बेहतर प्रदर्शन करते हुए निगम प्रदेश के विद्युत उत्पादन में अपना विशिष्ट योगदान देता रहेगा।

राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक देवेन्द्र श्रृंगी ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर कर विद्युतगृहों के सभी अभियंताओं एवं कर्मचारियों को बधाई देते हुए बताया कि निगम के कर्मचारियों की देखरेख एवं अनवरत मेहनत के कारण ही इकाईयों द्वारा सर्वश्रेष्ठ उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के दिशा निर्देशानुसार उत्पादन निगम द्वारा निरंतर प्रयास करते हुए चरणबद्ध तरीके से निगम की इकाइयों का उचित रखरखाव एवं तकनीकी खामियों को दूर किया गया है।

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