संजय कुमार, 23 जनवरी।
कोटा : कोटा शहर पुलिस की विशेष टीम ने मानव तस्करी विरोधी यूनिट (AHTU) के अंतर्गत 2 वर्ष से लापता 15 वर्षीय नाबालिग बालिका को भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित जोगबनी क्षेत्र से सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया। यह केस कोटाशहर पुलिस के लिए एक ऐतिहासिक सफलता है, क्योंकि पहली बार भारत के बाहर से गुमशुदा बालिका को ट्रेस किया गया है।
जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि नाबालिग बालिका की तलाश के लिए समय-समय पर विशेष टीमें गठित की गई थीं। यह टीम लगातार प्रयासरत रही और नई तकनीकी इंटेलिजेंस तथा स्थानीय मुखबिरों की मदद से बालिका को धरान (नेपाल) और जोगबनी रेलवे स्टेशन क्षेत्र में खोजने में सफलता प्राप्त की।
घटना का संक्षिप्त विवरण:
7 फरवरी 2023 को, फरियादी ने थाना जवाहरनगर में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनकी 15 वर्षीय बेटी 6 फरवरी 2023 को स्कूल से लापता हो गई थी। काफी खोजबीन और तकनीकी संसाधनों के बावजूद बालिका का कोई सुराग नहीं मिला।
बालिका की जानकारी देने के लिए इनाम राशि को बढ़ाकर 10,000 रुपये तक किया गया। इसके बाद AHTU कोटाशहर की एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने 10 महीने तक लगातार प्रयास कर बालिका का नेपाल के धरान क्षेत्र में होने का सुराग लगाया।
रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता:
श्रीमती बबीता चौधरी (प्रभारी, AHTU कोटाशहर) और कांस्टेबल दिनेश ने भारत-नेपाल सीमा के पास जोगबनी रेलवे स्टेशन के आसपास क्षेत्र में सघन जांच की। उनकी सूझबूझ और टीम की कड़ी मेहनत से बालिका को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया।
टीम को किया जाएगा सम्मानित:
बालिका को परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया जारी है। इस सराहनीय कार्य के लिए AHTU कोटाशहर की टीम को सम्मानित किया जाएगा। विशेष रूप से कांस्टेबल दिनेश की भूमिका उल्लेखनीय रही, जिन्होंने अपने संपर्कों और समर्पण से बालिका को खोजने में निर्णायक भूमिका निभाई।
जिला पुलिस प्रशासन इस कार्य को मानव तस्करी और गुमशुदा बच्चों के मामलों में अपनी महत्वपूर्ण उपलब्धि मानते हुए टीम की सराहना करता है।