Sanjay kumar, 21 Jan.
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सिम कार्ड उपयोगकर्ताओं के लिए बड़ी राहत देने वाले नए नियम जारी किए हैं। ये नियम रिचार्ज संबंधी परेशानियों को कम करेंगे और ग्राहकों को बार-बार रिचार्ज कराने से छुटकारा दिलाएंगे। अब सिम कार्ड रिचार्ज न कराने पर भी 90 दिनों तक एक्टिव रहेगा, और न्यूनतम शुल्क देकर इसे 120 दिनों तक सक्रिय रखा जा सकेगा।
नए नियमों के मुख्य बिंदु:
- बिना रिचार्ज 90 दिनों तक सक्रिय रहेगा सिम:
ट्राई के नए दिशा-निर्देशों के तहत, रिचार्ज खत्म होने के बाद भी सिम कार्ड 90 दिनों तक एक्टिव रहेगा। इस अवधि में इनकमिंग कॉल्स और अन्य बेसिक सेवाएं जारी रह सकती हैं। - 20 रुपये में 30 दिनों की अतिरिक्त वैधता:
यदि आपके सिम पर 90 दिनों तक कोई रिचार्ज नहीं है, लेकिन उसमें 20 रुपये का प्रीपेड बैलेंस शेष है, तो कंपनी 20 रुपये काटकर 30 दिनों की अतिरिक्त वैधता प्रदान करेगी। इस तरह आपका सिम कुल 120 दिनों तक सक्रिय रह सकता है। - 15 दिनों की अतिरिक्त मोहलत:
120 दिनों की अवधि समाप्त होने के बाद ग्राहकों को अपने नंबर को फिर से सक्रिय करने के लिए 15 दिनों की मोहलत दी जाएगी। इस अवधि में रिचार्ज न करने पर नंबर को स्थायी रूप से डीएक्टिवेट कर दिया जाएगा। - सेकंडरी सिम उपयोगकर्ताओं के लिए फायदेमंद:
जो ग्राहक सेकंडरी सिम कार्ड का इस्तेमाल केवल कुछ खास जरूरतों के लिए करते हैं, उनके लिए यह नियम बेहद फायदेमंद साबित होगा। अब उन्हें बार-बार रिचार्ज कराने की आवश्यकता नहीं होगी।
टेलीकॉम कंपनियों के अलग-अलग नियम:
- जियो:
सिम कार्ड 90 दिनों तक सक्रिय रहेगा। इनकमिंग कॉल्स की सुविधा अंतिम रिचार्ज प्लान के आधार पर कुछ दिनों तक जारी रह सकती है। - एयरटेल:
बिना रिचार्ज के 90 दिनों तक सिम एक्टिव रहेगा। इसके बाद 15 दिनों की मोहलत दी जाएगी। - वोडाफोन-आइडिया (Vi):
90 दिनों के बाद न्यूनतम 49 रुपये का रिचार्ज अनिवार्य होगा। - बीएसएनएल:
बीएसएनएल सिम कार्ड बिना रिचार्ज के 180 दिनों तक सक्रिय रहेगा।
ग्राहकों को मिल रही राहत:
इस निर्णय से उन ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी जो रिचार्ज प्लान्स के महंगे होने के कारण बार-बार रिचार्ज कराने से बचते थे। खासकर सेकंडरी सिम उपयोगकर्ताओं को अब बिना किसी चिंता के लंबे समय तक अपने सिम को सक्रिय बनाए रखने की सुविधा मिलेगी।
ट्राई का उद्देश्य:
ट्राई का उद्देश्य ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान करना और अनावश्यक खर्चों को कम करना है। ये नए नियम ग्राहकों के हितों को प्राथमिकता देते हुए उन्हें राहत प्रदान करने के लिए लागू किए गए हैं।