स्वामी विवेकानंद जयंती पर युवा शक्ति का जागरण: शिक्षा, संस्कृति और आत्मनिर्भरता पर संगोष्ठी

प्रमुख संवाद, 16 जनवरी।

कोटा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) द्वारा ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ पर विशेष संगोष्ठी का आयोजन हुआ।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, कोटा महानगर ने स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष्य में “वर्तमान परिदृश्य में युवा” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन मोदी कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खारवाल मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. देवेंद्र शर्मा और महाविद्यालय के डायरेक्टर प्रोफेसर एन.के. जोशी ने अपने विचार साझा किए।

स्वागत उद्बोधन और प्रेरक संदेश:
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रो. एन.के. जोशी के स्वागत उद्बोधन से हुआ। उन्होंने विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद के जीवन से ध्यान और एकाग्रता को आत्मसात करने की प्रेरणा दी।

मुख्य अतिथि डॉ. देवेंद्र शर्मा का संबोधन:
डॉ. शर्मा ने स्वामी विवेकानंद के प्रेरक प्रसंगों का उल्लेख करते हुए युवाओं से एकाग्रचित्त और मजबूत बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “शिक्षा केवल ज्ञान का अर्जन नहीं है, बल्कि यह आत्मनिर्भरता, राष्ट्र सेवा और हमारी सांस्कृतिक धरोहर पर गर्व करने का माध्यम है। हमें स्वामी विवेकानंद की तरह तेजस्वी और दृढ़निश्चयी बनना चाहिए।”

राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खारवाल का संबोधन:
शिवांगी खारवाल ने युवाओं को प्रेरित करते हुए स्वामी विवेकानंद के विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “स्वामी विवेकानंद कहते थे कि जीवन का प्रभावशाली होना महत्वपूर्ण है। उन्होंने विश्व धर्म महासभा में भारतीय संस्कृति, वसुधैव कुटुंबकम और एकात्मता के भाव को विश्व के सामने रखा। उनका मानना था कि शिक्षा न केवल ज्ञान का अर्जन है, बल्कि यह आत्मनिर्भरता और देश के प्रति जिम्मेदारी का अहसास भी कराती है।”

कार्यक्रम की विशेषताएं:
संगोष्ठी में युवाओं को भारतीय संस्कृति और राष्ट्र निर्माण के महत्व को समझाने के साथ ही यह संदेश दिया गया कि स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को आत्मसात कर वे राष्ट्र की दिशा और दशा बदल सकते हैं।

अन्य प्रमुख अतिथि:
कार्यक्रम में अभाविप के प्रांत सह मंत्री चेतना पांचाल, विभाग संयोजक पुलकित गहलोत, महानगर सह मंत्री कुश पटना, जानवी सेन, लक्ष्य आचार्य, वैभव सिंह, महाविद्यालय स्टाफ और विद्यार्थी उपस्थित थे।

इस संगोष्ठी का उद्देश्य युवाओं को भारतीय संस्कृति के प्रति गर्व, आत्मनिर्भरता और शिक्षा के महत्व को समझाना था। कार्यक्रम ने युवा शक्ति को राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।

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