बारां, राजस्थान | रिपोर्ट: लेखराज शर्मा
10 जनवरी
बारां जिले के सारथल पीएचसी क्षेत्र के ग्राम बादलडा में एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) से संक्रमित छह माह के शिशु का मामला सामने आया है। कोटा मेडिकल कॉलेज से प्राप्त रिपोर्ट में वायरस की पुष्टि होने पर जिला स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत अलर्ट मोड पर काम शुरू कर दिया।
गुरुवार को सारथल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सा टीम ने गांव पहुंचकर शिशु की जांच की और उसके परिजनों से बातचीत की। चिकित्सा प्रभारी डॉ. नंद किशोर वर्मा ने बताया कि शिशु को तीन माह से सर्दी, खांसी और बुखार की समस्या थी, जिसके इलाज के लिए पहले अकलेरा, झालावाड़ और कोटा में डॉक्टरों को दिखाया गया। शिशु को कोटा जेके लोन अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 13 दिन तक उसका वेंटिलेटर पर इलाज हुआ। स्वस्थ होने के बाद चार दिन पहले उसे घर भेज दिया गया।
स्वास्थ्य विभाग ने गांव की स्थिति का जायजा लिया। टीम ने सभी घरों की निगरानी की और बच्चों व बुजुर्गों के स्वास्थ्य की जांच की। गांव में गंदगी और पानी की निकासी की समस्या सामने आई, जो संभावित संक्रमण का कारण हो सकती है।
गांव की समस्या पर उठे सवाल:
ग्राम पंचायत भावपूरा के गांव बादलडा में गंदगी और पानी की निकासी की गंभीर समस्या है। गांव के रास्ते किचड़ और गंदे पानी से भरे हुए हैं। चिकित्सा टीम को भी वाहनों को गांव के बाहर खड़ा कर पैदल जाना पड़ा। ग्रामीणों ने बताया कि नालियां नहीं होने के कारण गंदा पानी पूरे गांव में फैला रहता है।
स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई:
स्वास्थ्य विभाग ने गांव में नियमित मॉनिटरिंग और स्वास्थ्य जांच का निर्णय लिया है। शिशु के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए प्रतिदिन टीम गांव का दौरा करेगी। विभाग ने ग्रामीणों को वायरस के प्रति जागरूक करने और साफ-सफाई के महत्व को समझाने का अभियान शुरू किया है।
जागरूकता की आवश्यकता:
स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और बच्चों व बुजुर्गों की तबीयत बिगड़ने पर तुरंत चिकित्सा केंद्र से संपर्क करें। इस वायरस के कारण तीन माह तक शिशु की स्थिति गंभीर बनी रही, जिससे यह सवाल खड़ा होता है कि वायरस की मौजूदगी क्षेत्र में पहले से हो सकती है।