निजीकरण के विरोध में कोटा थर्मल पर प्रदर्शन का 70वां दिन: कर्मचारियों की मांगों पर अडिग संघर्ष

प्रमुख संवाद

कोटा, 30 दिसम्बर 2024:
राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम और केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के बीच संयुक्त उद्यम (JV) के माध्यम से निजीकरण का विरोध करते हुए, कोटा थर्मल पावर प्लांट के मुख्य द्वार पर कर्मचारियों का प्रदर्शन आज 70वें दिन में प्रवेश कर गया। यह प्रदर्शन राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम अभियंता कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले जारी है, जिसमें एक घंटे का कार्य बहिष्कार और आक्रोश प्रदर्शन शामिल है।

प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट किया कि उनकी मुख्य मांगें हैं:

  1. संयुक्त उद्यम का सीमित दायरा: वर्तमान संचालित प्लांट में संयुक्त उद्यम की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। नई इकाइयों में JV के माध्यम से ही काम हो, जिसमें उत्पादन निगम की 50% हिस्सेदारी हो।
  2. सेवा शर्तों की पारदर्शिता: नई इकाइयों में कर्मचारियों की सेवा शर्तें, पदोन्नति, वेतन, और पुरानी पेंशन योजना से जुड़े प्रारूप सार्वजनिक किए जाएं।
  3. स्थानीय रोजगार: नई इकाइयों में राजस्थान के मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जाए।
  4. विद्युत दरों की समानता: JV इकाइयों में उत्पादित बिजली की दरें RVUN की दरों के समान रखी जाएं।
  5. स्थानांतरण नीति: RVUN के सभी कर्मचारियों के लिए स्थानांतरण नीति बनाई जाए, ताकि वे अपने गृह जिले के करीब काम कर सकें।

अन्य प्रमुख मांगें:

टाइम बॉन्ड प्रमोशन: समय पर ग्रेड पे और पदोन्नति लागू की जाए।

भत्तों में वृद्धि: वर्दी धुलाई भत्ता, नाइट ड्यूटी भत्ता, और थर्मल अलाउंस को बढ़ाया जाए।

फ्री बिजली: विद्युत विभाग के कर्मचारियों को मुफ्त बिजली कनेक्शन या 400 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिले।

शैक्षणिक सुविधाएं: कर्मचारियों के बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए बड़े शहरों में रहने या किराये की पुनर्भरण व्यवस्था हो।

संघर्ष समिति के प्रवक्ता वीरेंद्र कश्यप और सोशल मीडिया प्रभारी महेश चंद डागुर ने चेतावनी दी है कि अगर इन मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन और उग्र हो सकता है। गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने सरकार से समस्याओं का समयबद्ध समाधान और जवाबदेही सुनिश्चित करने की अपील की है।

“हमारी मांगे पूरी होने तक संघर्ष जारी रहेगा,” प्रदर्शनकारियों ने एक स्वर में कहा।

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