प्रमुख संवाद, 29 दिसंबर।
नगरफोर्ट (राजस्थान):
रविवार को नगरफोर्ट के टोंक रोड स्थित बंसल पेट्रोल पंप के सामने हुए महापंचायत में हजारों की भीड़ उमड़ी। यह महापंचायत निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा और समरावता गांव के निर्दोष ग्रामीणों की जेल से रिहाई की मांग को लेकर आयोजित की गई थी। इसमें राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई प्रमुख नेताओं, सामाजिक संगठनों और सर्व समाज के लोगों ने भाग लिया।
महापंचायत को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल ने चेतावनी दी कि अगर 10 दिनों के भीतर निर्दोष ग्रामीणों और नरेश मीणा को रिहा नहीं किया गया, तो जयपुर में महापड़ाव डाला जाएगा। उन्होंने राजस्थान सरकार पर आदिवासी और किसान विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक पीड़ितों को न्याय नहीं मिलता।
पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, “अगर सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाया तो सचिवालय का घेराव किया जाएगा और कामकाज ठप कर दिया जाएगा। हर कीमत पर पीड़ितों को न्याय दिलाया जाएगा।”
करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर निर्दोष ग्रामीणों और नरेश मीणा को रिहा नहीं किया गया, तो सर्व समाज के लोग सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
महापंचायत में कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें कांग्रेस के पूर्व विधायक रामनारायण मीणा, मध्य प्रदेश के विधायक बाबूलाल झंडेल, पूर्व आईएएस के.सी. घुमरिया, करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना, नरेश मीणा की पत्नी सौम्या मीणा और टोंक जिला सरपंच संघ के अध्यक्ष मुकेश मीणा शामिल थे।
मांगें और निर्णय:
- समरावता गांव के पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए।
- मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से करवाई जाए।
- निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा और निर्दोष ग्रामीणों को जल्द से जल्द जेल से रिहा किया जाए।
महापंचायत में सर्व समाज के नेताओं ने एकजुटता दिखाई और सरकार को चेताया कि अगर मांगें नहीं मानी गईं, तो राजस्थान में चक्का जाम कर दिया जाएगा। इस आंदोलन ने राज्यभर में हलचल मचा दी है और सरकार पर त्वरित कार्रवाई का दबाव बना दिया है।