सावित्रीबाई फुले जयंती पर भव्य समारोह: शिक्षा और समाज सुधार की प्रेरणा को किया जाएगा सम्मानित


प्रमुख संवाद

सावित्रीबाई फुले जयंती: 4 जनवरी को ऐतिहासिक आयोजन
— लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला होंगे मुख्य अतिथि, शिक्षा और ऊर्जा मंत्री की उपस्थिति में आयोजित होगा कार्यक्रम

कोटा, 29 दिसंबर।
सावित्रीबाई फुले की जयंती के उपलक्ष्य में 4 जनवरी 2025 को एक भव्य समारोह का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम सैनी समाज कर्मचारी-अधिकारी विकास संस्था और सामाजिक समरसता न्याय मंच राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में यूआईटी ऑडिटोरियम में आयोजित होगा।

इस ऐतिहासिक आयोजन की तैयारियों को लेकर रविवार को श्रीनाथपुरम स्थित सुमंगलम ग्रुप कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में आयोजन समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों ने कार्यक्रम की रूपरेखा और तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की।

महिला शिक्षा और समानता की प्रेरणा
कार्यक्रम के आयोजन समिति के अध्यक्ष भरत राम सैनी ने कहा, “सावित्रीबाई फुले केवल महिला शिक्षा की समर्थक नहीं थीं, बल्कि उन्होंने समाज में समानता और न्याय की मशाल जलाकर इतिहास रचा। उनका जीवन संघर्ष और शिक्षा के प्रति समर्पण आज भी प्रेरणा देता है।”

सामाजिक सुधार की अग्रदूत
समाजसेवी ईश्वर लाल सैनी ने कहा, “सावित्रीबाई फुले ने एक ऐसे समय में बालिका शिक्षा की नींव रखी, जब महिलाओं को शिक्षा से वंचित रखा जाता था। उनकी शिक्षाएं आज भी सामाजिक सुधार के लिए प्रासंगिक हैं। उनका योगदान पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक है।”

सर्वसमाज के लिए प्रेरणा
कन्हैया सुमन ने बताया कि सावित्रीबाई फुले का योगदान किसी एक जाति या वर्ग तक सीमित नहीं था। उन्होंने कहा, “यह आयोजन उनके महान कार्यों और विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास है।”

विशिष्ट अतिथि करेंगे कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई
इस कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष माननीय ओम बिरला मुख्य अतिथि होंगे। साथ ही, राजस्थान सरकार के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, विधायक संदीप शर्मा, और समाजसेवी कल्पना देवी जैसे विशिष्ट अतिथि कार्यक्रम में शामिल होंगे।

आयोजन की विशेष झलकियां
कार्यक्रम में सावित्रीबाई फुले के जीवन और कार्यों पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। साथ ही, समाज के सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

सावित्रीबाई फुले का योगदान: एक संक्षिप्त परिचय
सावित्रीबाई फुले (1831-1897) भारत की पहली महिला शिक्षिका थीं। उन्होंने अपने जीवन को शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित किया। उन्होंने बाल-विवाह, छुआछूत और जातीय भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया और महिलाओं को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया।

बैठक में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति:
बैठक में भरत राम सैनी, ईश्वर लाल सैनी, सियाराम सैनी, चेतन सैनी, गिरिराज सैनी, कन्हैया सुमन, महेंद्रपाल सैनी, सतीश सुमन, हेमराज सैनी, मेवालाल सैनी, भंवरपाल सुमन, और मनोज अच्छवा सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।


यह आयोजन सावित्रीबाई फुले के विचारों और योगदान को सम्मानित करते हुए समाज में शिक्षा और समानता का संदेश फैलाने का एक प्रयास है।

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