प्रमुख संवाद
कोटा, 24 दिसंबर:
देश के गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद में संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के खिलाफ आज कोटा कलेक्ट्रेट पर कांग्रेस द्वारा विशाल विरोध प्रदर्शन और धरने का आयोजन किया गया। इस धरने का नेतृत्व कांग्रेस नेता एवं लोकसभा प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल ने किया।
धरना सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक चला, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता, यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई, एससी-एसटी और ओबीसी प्रकोष्ठों के प्रतिनिधि, अधिवक्ता और आम नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। धरने के समापन पर जिला कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें अमित शाह की संसद सदस्यता समाप्त करने और देश की जनता से माफी मांगने की मांग की गई।
मुख्य वक्ता प्रहलाद गुंजल ने कहा:
“केंद्र सरकार देश के संविधान को कमजोर करने और खत्म करने की मानसिकता के साथ काम कर रही है। बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी न केवल संविधान के खिलाफ है, बल्कि दलित वर्ग और लोकतांत्रिक मूल्यों का भी अपमान है। जब संसद में अडानी के मुद्दे पर सरकार घिरी, तो ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर संविधान निर्माता पर हमला किया गया। कांग्रेस का हर कार्यकर्ता संविधान की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएगा, चाहे इसके लिए खून ही क्यों न बहाना पड़े।”
धरने को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस महामंत्री विपिन बरथुनिया ने कहा:
“केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार देश को दो पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रखने पर आमादा है। यह सरकार संविधान का दमन कर रही है, लेकिन कांग्रेस का हर कार्यकर्ता संविधान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।”
धरने में उपस्थित अन्य वक्ताओं में प्रदेश महासचिव अनूप ठाकुर, मंजूर तंवर, महिला कांग्रेस की माया जैन, यूथ कांग्रेस अध्यक्ष मोइजुद्दीन गुड्डू, पूर्व सेवादल अध्यक्ष मनोज दुबे, और पार्षद असरार अहमद शामिल थे। सभी ने एक सुर में अमित शाह के इस्तीफे और संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने की बात कही।
धरने में मुख्य रूप से उपस्थित नेता:
रामगंज मंडी कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र राजोरिया, संगठन महामंत्री राधेश्याम वर्मा, ओबीसी ब्लॉक अध्यक्ष चेतन मेवाड़ा, आईटी सेल अध्यक्ष राजकुमार बोयत, नीरज शर्मा, ललित सरदार, हरपाल सिंह राणा, पार्षद श्याम मीणा, और कई अन्य नेताओं ने इस प्रदर्शन को सफल बनाया।
कांग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह संविधान और उसके निर्माता बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के सम्मान की रक्षा के लिए किसी भी हद तक संघर्ष करेगी। पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि अमित शाह ने माफी नहीं मांगी, तो यह आंदोलन देशव्यापी रूप ले सकता है।