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कोटा, 24 दिसंबर।
कोटा शहर पुलिस ने पुलिस की वर्दी पहनकर फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी से 36 लाख रुपये लूटने वाले शातिर इनामी अपराधी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन आईपीएस के निर्देशन में विशेष पुलिस टीम ने घटना की गहराई से जांच कर आरोपी को पकड़ने में सफलता प्राप्त की।
घटना का विवरण:
25 नवंबर 2024 को कोटा शहर के गुमानपुरा थाना क्षेत्र में फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी विशाल ठाकुर ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि तीन व्यक्ति उसके कमरे में आए, जिनमें से दो ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी और एक सादे कपड़ों में था। उन्होंने ड्रग्स बेचने का झूठा आरोप लगाकर कमरे की तलाशी ली और अलमारी में रखे 36 लाख रुपये नकद लेकर फरार हो गए। घटना के दौरान उन्होंने विशाल को गाड़ी में बिठाकर रावतभाटा रोड के पास छोड़ दिया।
पुलिस की कार्रवाई:
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिलीप सैनी और वृताधिकारी योगेश शर्मा के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया। टीम ने लगभग 3000 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और तकनीकी साक्ष्यों का उपयोग कर आरोपी की पहचान की।
गिरफ्तारी का विवरण:
विशेष टीम ने आरोपी संजीव चौपड़ा उर्फ शेरा (उम्र 44 वर्ष) निवासी लुधियाना, पंजाब को हरियाणा के पानीपत से गिरफ्तार किया। पुलिस ने लुधियाना से पानीपत तक लगभग 280 किलोमीटर पीछा कर आरोपी को धर दबोचा। आरोपी ने निरज बवाना गैंग के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया।
आरोपी का आपराधिक रिकॉर्ड:
संजीव चौपड़ा उर्फ शेरा एक शातिर अपराधी है, जिसके खिलाफ डबल मर्डर, लूट और डकैती के कई मामले दर्ज हैं। उसने अपने महंगे शौक और ऐशो-आराम की जिंदगी जीने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस का प्रयास:
पुलिस टीम ने राजस्थान, पंजाब और दिल्ली में भी दबिश देकर वांछित अपराधियों की तलाश की। वर्तमान में अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है।
पुलिस अधीक्षक का बयान:
डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि पुलिस टीम ने अपने तकनीकी कौशल और मेहनत से इस मामले को सुलझाया है। उन्होंने कहा कि अपराधियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
टीम का योगदान:
मामले को सुलझाने में थानाधिकारी अनिल कुमार टेलर, राजेश उनि, जितराम कानि, करतार कानि, साईबर सेल, और जिला विशेष टीम के कई अन्य सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।