प्रमुख संवाद
सवाईमाधोपुर, 23 दिसम्बर।
रणथंभौर नेशनल पार्क से एक दुखद खबर सामने आई है। आमा घाटी वन क्षेत्र में विचरण करने वाले युवा और लोकप्रिय बाघ T-2309 की मौत हो गई है। इस घटना ने वन्यजीव प्रेमियों के दिलों को झकझोर दिया है और क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।
जैसे ही बाघ की मौत की सूचना मिली, वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। घटनास्थल की गहन जांच-पड़ताल के बाद, बाघ के शव को कब्जे में लिया गया और राजबाग नाका चौकी लाया गया।
वहां मेडिकल बोर्ड की उपस्थिति में बाघ के शव का पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम के बाद, प्रकृति के इस महान योद्धा का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया गया।
T-2309, जिसे रणथंभौर के जंगलों में उसकी अद्वितीय पहचान और सक्रियता के लिए जाना जाता था, ने अपनी छोटी लेकिन यादगार यात्रा पूरी की। इस दुखद घटना ने वन्यजीव संरक्षण और बाघों की सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर किया है।
वन्यजीव प्रेमियों और पर्यावरणविदों के लिए यह क्षण बेहद कठिन है। लेकिन इस घटना ने हमें यह याद दिलाया है कि प्रकृति और इसके संरक्षण के प्रति हमारी जिम्मेदारी कितनी महत्वपूर्ण है।