कोटा विश्वविद्यालय व श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान केन्द्र कोटा के बीच हुआ एमओयू

प्रमुख संवाद

कोटा, 13 दिसम्बर।
कोटा विश्वविद्यालय कोटा द्वारा श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान केन्द्र कोटा के साथ शिक्षा अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया जाए गा। इस सम्बन्ध में कृषि विश्वविद्यालय कोटा के कुलपति डॉ. कैलाश सोडानी एवं श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान केन्द्र कोटा के निदेशक ताराचन्द गोयल की उपस्थिति मे विश्वविद्यालय प्रागंण में एक एमओयू साइन हुआ है।

एमओयू के तहत दोनों एक दूसरे के सहयोग से जैविक कृषि के सन्दर्भ में कृषि की प्राचीन, पारम्परिक एवं बहुप्रचलित विधियों पर अनुसंधान एवं प्रसार कार्यों को आधुनिक तकनीक के साथ सामंजस्य बैठाकर कार्य करेंगे। साथ ही, प्रकृति का संरक्षण करते हुए गुणवत्तापूर्ण कृषि और कृषि से किसानों की समृद्धि के लिए नवाचार करेंगे। इसके लिए आवश्यक संसाधनों अनुसंधान केन्द्र, प्रयोगशालाएं, प्रशिक्षण भवन आवास का सदुपयोग कर शिक्षा, अनुसंधान एवं विस्तार के नवीन आयाम स्थापित कर छात्रों, कृषकों व हितधारकों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है। इसकी क्रियान्विति के लिए भिन्न-भिन्न स्वरूप में संयुक्त प्रयास किया जाएगा। यह समझौता 5 वर्ष तक प्रभावी रहेगा।

इस अवसर पर प्रोफेसर कैलाश सोडानी ने कहा कि यह समझौता हाड़ोती के साथ ही सम्पूर्ण राजस्थान के लिए लाभकारी बनेगा। इस दिशा में हम एक दूसरे से मिलकर प्रयास करेंगे। वहीं, ताराचंद गोयल ने कहा कि जैविक कृषि आज की आवश्यकता है। इस कार्य में कोटा विश्वविद्यालय कोटा का सहयोग मिलना हर्ष का अवसर है।

दोनों पक्ष के एमओयू के बाद जैविक किसानों ने बधाइयां दी। इस अवसर पर कोटा विश्वविद्यालय कोटा की कुल सचिव भावना शर्मा, सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग विभागाध्यक्ष डॉ॰ पल्लवी शर्मा, श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान केन्द्र कोटा के मुख्य वैज्ञानिक पवन के. टाक आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!