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कोटा, 8 दिसम्बर। जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए 100 दिवसीय अभियान की शुरुआत शनिवार को हुई। यह अभियान 17 मार्च 2025 तक चलेगा। इस अभियान के तहत जागरूकता फैलाने और टीबी के इलाज को सुनिश्चित करने के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे। कार्यक्रम का आयोजन एमबीएस परिसर स्थित रेडक्रॉस सोसायटी भवन में किया गया, जिसकी अध्यक्षता रेडक्रॉस सोसायटी के राज्य अध्यक्ष राजेश कृष्ण बिरला ने की और अतिथियों सहित बिरला ने हरी झण्डी दिखाकर निक्षय वाहन को रवाना किया।
मुख्य अतिथियों की उपस्थिति और संबोधन
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एडीएम सिटी अनिल कुमार सिंघल थे। साथ ही, सीएमएचओ डॉ. जगदीश कुमार सोनी, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एस.एन. मीणा, रेडक्रॉस सोसायटी निदेशक महेंद्र शर्मा, सचिव जगदीश जिंदल, डब्ल्यूएचओ कंसल्टेंट डॉ. मानवेन्द्र सिंह, और डॉ. चेतन शर्मा सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी और टीबी क्लीनिक स्टाफ मौजूद थे।
पोषण और जागरूकता हैं टीबी उन्मूलन की कुंजी
राजेश बिरला ने कहा कि टीबी रोग के बढ़ने का मुख्य कारण श्रमिक वर्ग में पोषण की कमी है। उन्होंने जागरूकता बढ़ाने और पोषण सुधार पर विशेष जोर दिया। टीबी उन्मूलन के मिशन में समाज का हर वर्ग आगे आकर सहयोग करें, तभी हम 2025 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “टीबी हारेगा, देश जीतेगा” नारे को साकार कर सकेंगे। यह एक जन आंदोलन की तरह होगा, जिसमें सभी को अपनी भूमिका निभानी होगी।
एडीएम सिटी अनिल सिंघल ने वायु प्रदूषण पर दिया जोर
एडीएम सिटी ने अपने संबोधन में कहा कि टीबी से बचाव के लिए वायु प्रदूषण पर नियंत्रण और स्वच्छ पर्यावरण बनाए रखना अत्यंत जरूरी है।
प्रधानमंत्री के 2025 के लक्ष्य की ओर बढ़ता अभियान
सीएमएचओ डॉ. जगदीश सोनी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में कोटा जिले में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने निक्षय मित्र बनने और टीबी रोगियों को पोषण सहायता प्रदान करने की अपील की।
अभियान का स्वरूप और गतिविधियां
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एस.एन. मीणा ने बताया कि अभियान के तहत हाई रिस्क श्रेणी के लोगों की पहचान की जाएगी। पुराने टीबी रोगियों और उनके परिवार, कुपोषित, मधुमेह रोगी, स्मोकर, एचआईवी ग्रसित, 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, कैदी, खनन और औद्योगिक श्रमिकों को शामिल किया जाएगा। इनकी स्क्रीनिंग के बाद आवश्यकतानुसार एक्सरे और बलगम की जांच की जाएगी।टीबी रोगी पाए जाने पर उनका इलाज सुनिश्चित किया जाएगा।
पोषण सहायता में वृद्धि: 500 से 1000 रुपये प्रति माह
डॉ. मीणा ने बताया कि निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी रोगियों को अब 1000 रुपये प्रति माह सहायता राशि मिलेगी, जो सीधे उनके बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर होगी।
जागरूकता रथ और निक्षय वाहन रवाना
कार्यक्रम के दौरान जागरूकता रथ और निक्षय वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इन वाहनों का उद्देश्य टीबी के प्रति जागरूकता फैलाना और इलाज के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना है
अभियान का दायरा और लक्ष्य
डॉ. मीणा ने बताया कि यह अभियान कोटा सहित प्रदेश के 5 जिलों में चलाया जा रहा है। 24 मार्च, विश्व क्षय रोग दिवस पर अभियान में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले जिलों और कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा।
पोषण किट वितरण और शपथ ग्रहण
रेडक्रॉस सोसायटी की ओर से 10 टीबी रोगियों को पोषण किट वितरित की गई। इसके साथ ही, एडीएम सिटी अनिल सिंघल ने सभी उपस्थित लोगों को टीबी उन्मूलन में योगदान देने और जागरूकता फैलाने की शपथ दिलाई।