प्रमुख संवाद
कोटा, 05 दिसंबर, राजस्थान प्रदेश के प्रथम तकनीकी विश्वविद्यालय राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा अपने इंजिनियरिंग के विद्यार्थियों को भारतीय रेलवे के अत्याधुनिक पीजी डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स और प्रशिक्षण के नवीन पाठ्यक्रमों की सौगात देने जा रहा है। इसके साथ ही भारतीय रेलवे के नए पाठ्यक्रम शुरू कर राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय शिक्षक व स्टूडेंट्स को रेलवे के क्षेत्र में प्रशिक्षण व रिसर्च के नवीन अवसर भी प्रदान करेगा।
आरटीयू के जनसंपर्क अधिकारी डॉ एस डी पुरोहित ने बताया कि इस नावाचार को मूर्त रूप देते हुए आज राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा के कुलपति प्रो. एसके सिंह और भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग और दूरसंचार संस्थान के महानिदेशक शरद श्रीवास्तव के मध्य समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए। इस अवसर पर कुलसचिव धीरज सोनी, प्रो. दिनेश बिरला, डीन फैकल्टी अफेयर्स, आईआईआईआर एंड आईआर के डीन प्रो. वीके गोराना और एसोसिएट डीन डॉ. बीएल गुप्ता, पीआरओ डॉ. एसडी पुरोहित, ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट इंचार्ज डॉ. मनीष चतुर्वेदी सहित सभी विभागों के विभागाध्यक्ष और डीन उपस्थित थे। दोनों संस्थानों ने बी.टेक कार्यक्रमों में रेलवे सिग्नलिंग और स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली-कवच पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए आपसी सहमति जताई।
इस एमओयू के तहत इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए वैकल्पिक विषय के रूप में ‘रेलवे एडवांस सिंग्नलिंग और कवच’ पर पाठ्यक्रम उपलब्ध होगा।इंजीनियरिंग करने वाला कोई भी स्टूडेंट इसे अपने कोर्स के साथ ही कर सकेगा। इस एमओयू का फायदा कम्प्यूटर साइंस,आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स इन आईओटी, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल के स्टूडेंट्स को मिलेगा, जिनके लिए रेलवे के एडवांस सिग्नलिंग और कवच पर ऑप्शनल कोर्स शुरू किए जाएंगे। यह कोर्स 6 महीने से लेकर 2 साल का होगा। इसके तहत दोनों संस्थान ‘कवच’ प्रणाली में रिसर्च और डेवलपमेंट में भी सहयोग करेंगे। साथ ही कोर्स करने वाले स्टूडेंट इस प्रणाली की जानकारी ले सकेंगे।
इरिसेट अपने अत्याधुनिक क्लासेज और लैब में सिग्नलिंग, दूरसंचार और स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) – कवच पर स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग करवाता हैं।हॉस्टल-मेस सुविधा सहित रिसर्च और डेवलपमेंट में सहयोग एमओयू के तहत स्टूडेंट्स को रेलवे सिग्नलिंग और कवच पर ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें हॉस्टल और मेस की फैसिलिटी भी शामिल होंगी। इरिसेट, जोनल रेलवे डिवीजनों में वोकेशनल ट्रेनिंग और साइट विजिट्स का आयोजन करेगा। इसके अलावा दोनों संस्थान रिसर्च और डेवलपमेंट में एक-दूसरे की मदद करेंगे और अपने महत्वपूर्ण रिसर्च को साझा करेंगे।
कुलपति प्रो. एसके सिंह ने कहा की विश्वविद्यालय मे शोध और अनुसंधान के लिए अनुकूल वातावरण का निर्माण करते एवं गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के साथ प्रदेश की तकनीकी शिक्षा के विकास के लिए सशक्त नीति के साथ कार्य कर रहा हैं, जिससे देश में तकनीकी वातावरण को बढ़ावा मिलेगा। इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से दोनों संस्थान प्रशिक्षण, शैक्षणिक और अनुसंधान गतिविधियों पर सहयोग का दायरे को बढ़ाएंगे।आज के परिदृश्य में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने की आवश्यकता है अतः उन्हें ज्ञान और कौशल से युक्त किया जाना आवश्यक है। शरद श्रीवास्तव महानिदेशक आईआरएसईटी हैदराबाद ने कहा की हम आपस मे मिलकर वास्तविक दुनिया के परिदृश्यों का अनुकरण कर, शोधकर्ता और उद्योग विशेषज्ञ रेलवे संचार और सेवाओं के विभिन्न पहलुओं को आधुनिक बनाने के लिए अभिनव समाधान तलाशने की दिशा में कार्य करेंगे। अत्याधुनिक कोर्स शुरू होने से छात्र रेलवे इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर सकेंगे।
एक परिचय : भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग और दूरसंचार संस्थान, सिकंदराबाद
भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग और दूरसंचार संस्थान, सिकंदराबाद (आईआरआईएसईटी),रेलवे सिग्नलिंग और दूरसंचार के क्षेत्र में रेलवे अधिकारियों और पर्यवेक्षकों की विशेष प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारतीय रेलवे का एक प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान है। संस्थान की स्थापना वर्ष 1957 में
रेलवे मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की गई थी। इसमें व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए अत्याधुनिक कक्षाएँ और प्रयोगशाला सुविधाएँ हैं। यह संस्थान सिग्नल और दूरसंचार और स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा- कवच पर कौशल उन्मुख संकाय विकास कार्यक्रम और औद्योगिक प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह संस्थान आज पूरे अफ्रीकी-एशियाई क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है।
क्या महत्वपूर्ण है इस एमओयू में
आरटीयू रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग और कवच पर पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम के लिए लघु अवधि के सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम प्रस्तावित कर रहा हैं और विभिन्न विषयों में इंजीनियरिंग स्नातकों के लिए इन पाठ्यक्रमों को शुरू किया जाएगा। आरटीयू विभिन्न स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए रेलवे सिग्नलिंग और कवच की पेशकश करेगा, इरिसेट नामांकित छात्रों के लिए संकाय विकास कार्यक्रम और औद्योगिक प्रशिक्षण कार्यक्रम डिजाइन और संचालित करेगा। एटीपी-कवच सहित रेलवे सिग्नलिंग और दूरसंचार से संबंधित विषयों पर, इरिसेट शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण प्रदान करेगा जिससे आधुनिक प्रौद्योगिकी प्रणालियों के क्षेत्रों में इंजीनियरिंग कॉलेज के संकाय सदस्यों को निर्बाध रूप से उन्नत और पुनः कुशल बनेंगे इरिसेट पारस्परिक रूप से सुविधाजनक कार्यक्रम के अनुसार आरटीयू के लिए संकाय विकास कार्यक्रम (एफडीपी) आयोजित करेगा। यह अपने परिसर में प्रयोगशालाओं में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेगा, जिन्होंने रेलवे सिग्नलिंग और कवच को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना है।
यह सीखने और शैक्षणिक उद्देश्य के लिए क्षेत्रीय रेलवे/मंडलों पर शिक्षा प्रशिक्षण/व्यावसायिक प्रशिक्षण/साइट विजिट की व्यवस्था करने में सहायता करेगा। संकाय विनिमय के अनुसार, आरटीयू कोटा और आईआरआईएसईटी सिकंदराबाद एफडीपी कार्यक्रम आयोजित करने के लिए संकाय का आदान-प्रदान करेगा। यह प्रयोगशाला सेटअप जैसी महत्वपूर्ण प्रशिक्षण सुविधाओं को साझा करने के लिए सहायता भी करेगा। दोनों संस्थान आपसी हित के विकास के साथ संयुक्त कार्यशाला/प्रशिक्षण कार्यक्रम/वेबिनार आयोजित करेंगे। बौद्धिक संपदा अधिकार समझौते के तहत संयुक्त अनुसंधान और सहयोगात्मक गतिविधि को बढ़ावा देंगे।