प्रमुख संवाद, 4 दिसम्बर।
कोटा: पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने कहा कि उन्होंने तीन दिन पहले ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भर्ती रद्द करने व फर्जी अनुभव प्रणाम पत्र जारी करने वाले संवेदकों व प्रमाण पत्रों की पारदर्शी तरीके से जांच नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की थी।
गुंजल ने कहा कि मेने तीन दिन पहले ही मुख्यमंत्री और डी जी एंटीकरप्शन को पत्र मेल किया था। अब सरकार ने भी माना है कि इसमें भारी गड़बड़ियां हुई है सरकार को भरती ही रद्द नहीं अब फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों की निष्पक्ष जांच भी करवानी चाहिए। साथ ही फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने वाले संवेदकों व पारदर्शी तरीके से अनुभव प्रमाण पत्र की जांच नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई होनी चाहिए उन्होंने कहा कि ऐसा ही गड़बड़झाला पूरे प्रदेश में हुआ है।
गुंजल ने कहा कि अनुभव प्रमाण पत्र बनवाने की आड़ में सत्ता पक्ष के लोगों ने गरीबो व जरूरतमंद लोगों से करोड़ों रुपया लुटा है इसकी भी जांच होनी चाहिए। गुंजल ने कहा कि अनुभव प्रमाण पत्र की यह शर्त ही अव्यवहारिक थी, सफाई कर्मचारी जैसे पद के लिए नगरीय निकाय में ही काम करने का अनुभव कहां तक उचित है। उन्होंने कहा सरकार को इन सब की जांच करने के साथ ही नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया पुन प्रारंभ करनी चाहिए जिससे वाल्मीकि समाज को इसका लाभ मिल सके।