प्रमुख संवाद, 3 दिसंबर।
‘बांग्लादेश में हिंदुओं के अधिकारों की हो सुरक्षा, सद्भाव के प्रयास’
केंद्र सरकार और यूनाइटेड नेशन से दखल देने की मांग
कोटा :बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों के विरोध में सोमवार को मुकुंदराविहार स्थित हरे कृष्ण मंदिर से एक विरोध यात्रा निकाली गई। यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु, विशेषकर युवा, हरिनाम संकीर्तन करते हुए चल रहे थे। इस यात्रा का उद्देश्य बांग्लादेश सरकार से हिंदू अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा की मांग करना था। साथ ही, केंद्र सरकार और यूनाइटेड नेशन से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील भी की गई।
मंदिर परिसर में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए उपाध्यक्ष राधाप्रिय दास ने कहा कि यह यात्रा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के अधिकारों के उल्लंघन और उनके उत्पीड़न को रोकने की मांग को लेकर आयोजित की गई थी। उन्होंने इस मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर यूनाइटेड नेशन, से दखल देने की अपील की। उनका मानना है कि अगर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़े तो बांग्लादेश सरकार पर प्रभाव डालकर हिंदू समुदाय के अधिकारों की रक्षा की जा सकती है।
यात्रा के दौरान हरिनाम संकीर्तन के माध्यम से श्रद्धालुओं ने न केवल धार्मिक श्रद्धा प्रकट की, बल्कि पूरे विश्व में शांति, सुरक्षा और सद्भाव का संदेश भी दिया। यात्रा में बांग्लादेश सरकार से हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और शांति स्थापित करने की मांग की गई। इसके साथ ही, भारत सरकार से भी इस मुद्दे में सहयोग की अपील की गई।
इस विरोध यात्रा का एक प्रमुख उद्देश्य बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और धार्मिक असहिष्णुता को रोकना था। धार्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास, जो बांग्लादेश में हिंदुओं के अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे थे, को हाल ही में बांग्लादेश सरकार ने गिरफ्तार कर लिया था, जिसका विरोध भी किया गया।
इस यात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं ने एकजुटता का संदेश देते हुए, बांग्लादेश में शांति और हिंदू समुदाय के लिए सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया।