प्रमुख संवाद
कोटा, 27 नवंबर।
राज्य सरकार के जनविरोधी निर्णयों के खिलाफ और पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर थर्मल अभियंता और कर्मचारियों का संघर्ष 36वें दिन भी जारी रहा। कोटा थर्मल मेनगेट पर आज सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन कर कर्मचारियों ने सरकार की सोच में बदलाव की कामना की। उनका उद्देश्य है कि सरकार संयुक्त उद्यम (जेवी) प्रणाली को निरस्त करे और कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करते हुए पुरानी पेंशन योजना बहाल करे।
संयुक्त संघर्ष समिति के प्रदेश प्रवक्ता वीरेन्द्र कश्यप ने बताया कि राज्यभर के पावर प्लांट्स में कर्मचारी रोजाना एक घंटे का कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। आज प्रदेशभर में सामूहिक निर्णय के तहत सद्बुद्धि यज्ञ आयोजित किए गए। उन्होंने कहा, “सरकार का कर्तव्य है कि वह विद्युत उत्पादन को बिना लाभ-हानि के सिद्धांत पर संचालित करे, लेकिन लाभ में चल रहे पावर प्लांट्स को पार्टनरशिप (जेवी) में देने का निर्णय आम जनता और कर्मचारियों दोनों के लिए हानिकारक है। इससे न केवल बिजली महंगी होगी, बल्कि कर्मचारियों का भविष्य भी अनिश्चित हो जाएगा।”
कश्यप ने बताया कि 36 दिनों से शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीकों से चल रहे आंदोलन के बावजूद सरकार या विद्युत प्रशासन ने वार्ता के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। इस बीच, संघर्ष समिति ने आंदोलन को तेज करने की रणनीति तैयार की है।
आगामी रणनीति:
- सभी पावर प्लांट्स से संबंधित जिलों में कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
- यदि सरकार इसके बावजूद कर्मचारियों की मांगों पर विचार नहीं करती, तो पावर प्लांट्स के मेन गेट पर क्रमिक अनशन शुरू किया जाएगा।
संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया है कि किसी भी अप्रिय स्थिति के लिए सरकार और निगम प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार होंगे।