“भारत का युवा वर्ग मधुमेह के साये में – टाइप 2 मधुमेह के प्रति जागरूकता और बचाव आवश्यक”


कोटा, 13 नवंबर। भारत में डायबिटीज़ के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं, और यह सिर्फ एक “वृद्धों की बीमारी” नहीं रही। अब, भारत में युवाओं में भी टाइप 2 मधुमेह तेजी से फैल रहा है, जो एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती है।

डायबिटीज़ से पीड़ित मरीजों को हृदय रोग का खतरा दोगुना होता है, क्योंकि उच्च रक्त शर्करा हृदय की धमनियों को क्षतिग्रस्त कर सकती है। इससे हार्ट फेलियर और अन्य जटिलताएं बढ़ सकती हैं। लगातार हाई हार्ट रेट भी डायबिटीज़ के मरीजों में हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाती है, विशेषकर उन युवाओं में, जो नियमित जीवनशैली से परहेज करते हैं।

हृदय रोगों से बचाव के उपाय

नियमित व्यायाम करें, जैसे तेज़ चलना, साइकिलिंग या योग।कम नमक, संतुलित आहार लें।

यदि आपका वजन अधिक है, तो उसे नियंत्रित करने के प्रयास करें।

ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें।

साबुत अनाज का सेवन बढ़ाएं और फास्ट फूड से बचें।

डायबिटीज़ में साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा क्यों बढ़ता है?
डायबिटीज़ की वजह से नसों में होने वाली क्षति के कारण कई बार हृदय के रोगों के लक्षण, जैसे सीने में दर्द या असहजता, महसूस नहीं होती। यह साइलेंट अटैक का कारण बन सकता है।

युवा भारत और मधुमेह की गंभीरता
आज भारत में लगभग 7.7 करोड़ लोग मधुमेह से प्रभावित हैं, जिसमें आधे से अधिक अपनी बीमारी से अनजान हैं। यह आंकड़ा हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए एक चेतावनी है। खराब खानपान, शारीरिक निष्क्रियता और तनावपूर्ण जीवनशैली ने युवाओं में इस रोग को तेजी से फैलाया है।

मधुमेह से बचाव के लिए प्रभावी कदम:

जल्दी पहचान: जितनी जल्दी डायबिटीज़ की पहचान होगी, जटिलताओं से उतना ही बचा जा सकता है।

संतुलित आहार: पौष्टिक भोजन, जैसे साबुत अनाज, फल और सब्जियाँ, अधिक चीनी वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए।

नियमित व्यायाम: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की शारीरिक गतिविधि ज़रूरी है।

जीवनशैली में सुधार: सही जीवनशैली से डायबिटीज़ का प्रभाव नियंत्रित किया जा सकता है।

श्रीजी हॉस्पिटल की पहल
स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए श्रीजी हॉस्पिटल द्वारा 17 नवंबर को निःशुल्क मधुमेह एवं हृदय रोग चिकित्सा एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया जाएगा। सी-163ए, रोड नं. 5, इन्द्रप्रस्थ औद्योगिक क्षेत्र में दोपहर 12 से 2 बजे तक विशेषज्ञों की टीम – डॉ. पार्थ जैठवानी (एण्डोक्राइनोलॉजिस्ट), डॉ. निशांत सक्सेना (हृदय रोग विशेषज्ञ) और डॉ. समीर जैन द्वारा परामर्श दिया जाएगा।

यह शिविर युवाओं में मधुमेह और हृदय रोग के बढ़ते ख़तरों पर चर्चा करने का एक अवसर है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!