राजस्थान विद्युत निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों का शतक, सरकार की अनदेखी जारी

प्रमुख संवाद

कोटा, 31 जनवरी 2025 – राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के पावर प्लांटों के ज्वाइंट वेंचर के माध्यम से निजीकरण के खिलाफ अभियंता एवं कर्मचारी संगठनों का विरोध प्रदर्शन 100वें दिन में प्रवेश कर गया है। राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम अभियंता कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहा यह आंदोलन थर्मल गेट पर प्रतिदिन एक घंटे के कार्य बहिष्कार के रूप में जारी है। बावजूद इसके, सरकार अब तक कर्मचारियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।

संयुक्त संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक राकेश गुप्ता एवं प्रदेश प्रवक्ता वीरेन्द्र कश्यप ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि राजस्थान के सरकारी विद्युत गृह देश में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं, फिर भी सरकार इन्हें निजी हाथों में सौंपने पर आमादा है। उन्होंने बताया कि कोटा थर्मल प्लांट की चौथी इकाई ने अभियंताओं और कर्मचारियों के प्रयास से लगातार 100 दिन निर्बाध उत्पादन कर रिकॉर्ड बनाया, वहीं छबड़ा थर्मल प्लांट को उत्कृष्ट उत्पादन के लिए सर्वश्रेष्ठ संचालित विद्युत उत्पादन स्टेशन का पुरस्कार मिला।

संघर्ष समिति ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि 20 दिसंबर 2024 को कर्मचारी संगठनों ने विद्युत क्षेत्र में निजीकरण पर रोक लगाने एवं ओल्ड पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था। इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक ने ओल्ड पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की थी और कर्मचारियों से जनवरी के दूसरे सप्ताह में वार्ता करने का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई वार्ता नहीं हुई। उल्टा सरकार ने छबड़ा थर्मल प्लांट को ज्वाइंट वेंचर में देने की प्रक्रिया पूरी कर ली है, जो कर्मचारियों और जनता के साथ धोखा है।

प्रदेश संयोजक राकेश गुप्ता ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही संघर्ष समिति को वार्ता के लिए आमंत्रित नहीं किया गया, तो राजस्थान के सभी पावर प्लांटों में आंदोलन को उग्र किया जाएगा। सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ अभियंता एवं कर्मचारी अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष को तेज करने को तैयार हैं।

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