Sanjay kumar, 19 Jan.
यदि आपके बिजली बिल अधिक आ रहे हैं और आप इससे परेशान हैं, तो सोलर ऊर्जा एक उत्कृष्ट विकल्प हो सकता है। सोलर पैनल स्थापित करके आप न केवल अपने बिजली खर्च को कम कर सकते हैं, बल्कि सरकार की सब्सिडी योजनाओं का लाभ भी उठा सकते हैं।
सोलर पैनल के प्रकार
सोलर पैनल दो प्रकार के होते हैं:
- ऑन-ग्रिड सिस्टम: इसमें सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली सीधे डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनी) को भेजी जाती है। डिस्कॉम इस बिजली को खरीदती है और अगले महीने के बिल में इसे समायोजित करती है।
- ऑफ-ग्रिड सिस्टम: इसमें सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली घर में लगी बैटरी में संग्रहित होती है। इसका बैकअप 3 से 4 घंटे का होता है और इसे घर में ही उपयोग किया जा सकता है।
आपके घर के लिए उपयुक्त सोलर पैनल की क्षमता
आपके मासिक बिजली बिल के आधार पर सोलर पैनल की क्षमता निर्धारित की जाती है:
- यदि मासिक बिजली बिल 2,000 से 3,000 रुपये के बीच है, तो 3 किलोवाट का पैनल उपयुक्त होगा।
- यदि मासिक बिजली बिल 3,000 से 4,000 रुपये के बीच है, तो 4 किलोवाट का पैनल आवश्यक होगा।
सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया
- संपर्क करें: अपने नजदीकी सोलर कंपनी या डिस्ट्रीब्यूटर से संपर्क करें और अपने बिजली बिल की कॉपी साथ ले जाएं।
- साइट निरीक्षण: टेक्निकल टीम आपके घर का निरीक्षण करेगी और पैनल लगाने के लिए उपयुक्त स्थान का निर्धारण करेगी।
- दस्तावेज़ तैयारी: ऑन-ग्रिड सिस्टम के लिए आवश्यक दस्तावेज़ जैसे बिजली बिल, आधार कार्ड, कैंसिल चेक और प्रॉपर्टी डॉक्युमेंट्स की फाइल तैयार की जाएगी।
- आवेदन प्रक्रिया: यह फाइल पीएम सूर्य घर योजना की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी और डिस्कॉम के पास जमा होगी।
- मीटर इंस्टॉलेशन: दो मीटर—एक सोलर और एक नेट मीटर—जमा किए जाएंगे। मीटर टेस्टिंग के लिए डिस्कॉम के पास भेजे जाएंगे, जिसमें सात दिन का समय लगता है।
- पैनल इंस्टॉलेशन: इसके बाद पैनल और स्ट्रक्चर लगाए जाएंगे।
सब्सिडी की प्रक्रिया
सोलर पैनल और स्ट्रक्चर की इंस्टॉलेशन के बाद सब्सिडी के लिए 500 रुपये के दो स्टांप और 130 रुपये का स्टांप डिस्कॉम में जमा करना होगा। इसके साथ 100 रुपये प्रति किलोवाट के हिसाब से राशि जमा होगी। सब्सिडी के लिए डिस्ट्रीब्यूटर ऑनलाइन आवेदन करेगा। पैनल चालू होने के 15-20 दिनों के भीतर 78,000 रुपये तक की सब्सिडी सीधे ग्राहक के खाते में ट्रांसफर हो जाएगी।
सोलर पैनल की कीमत और सब्सिडी
सोलर पैनल के साथ इनवर्टर, स्ट्रक्चर, वायर और अर्थिंग शामिल होती है। ऑन-ग्रिड सिस्टम बिजली बिल को शून्य करने के लिए सबसे उपयुक्त है, जबकि ऑफ-ग्रिड सिस्टम बैटरी पर निर्भर करता है, जिसका बैकअप अधिकतम 3-4 घंटे तक होता है।
सोलर पैनल से कमाई का विकल्प
किसान कुसुम प्रोजेक्ट के तहत खेतों में सोलर पैनल लगाकर बिजली बेच सकते हैं। इसमें 1 मेगावाट, 2 मेगावाट, या 3 मेगावाट के पैनल लगाकर सरकार से 3 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान प्राप्त कर सकते हैं। इससे लाखों रुपये की अतिरिक्त आय अर्जित की जा सकती है।
अतिरिक्त जानकारी
पीएम सूर्य घर योजना के तहत, केंद्र सरकार की ओर से सब्सिडी प्रदान की जाती है। राजस्थान में राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सब्सिडी नहीं है, जबकि कई अन्य राज्यों में राज्य सरकार भी सब्सिडी प्रदान करती है।
सोलर पैनल लगाने से न केवल बिजली बिल में कमी आती है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है। यदि आप सोलर ऊर्जा को अपनाना चाहते हैं, तो उपरोक्त प्रक्रिया का पालन करके सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए, आप पीएम सूर्य घर योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं या अपने नजदीकी सोलर डिस्ट्रीब्यूटर से संपर्क कर सकते हैं।